Dearness allowance को फिर से लागू करने संबंधी आ रही खबरों के बीच वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है.Dearness allowance को फिर से लागू करने संबंधी आ रही खबरों के बीच वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है.

Dearness allowance की खबर पर सरकार के बयान से हड़कम्प

Dearness allowance को फिर से लागू करने संबंधी आ रही खबरों के बीच वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है.

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दर असल Dearness allowance पर उसका यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर आ रही खबरों के बाद आया है.

सोशल मीडिया पर एक आफिस मेमोरेंडम तैर रहा है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार जुलाई 2021 से DA यानी Dearness allowance महंगाई भत्ता बहाल करने जा रही है. वित्त मंत्रालय ने साफ कहा है कि यह आफिस मेमोरेंडम फेक है. मंत्रालय ने कोई ऐसा आफिस मेमोरेंडम नहीं जारी किया है.

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वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह पूरी तरह से फेक है और वित्त मंत्रालय ने ऐसा कोई मेमोरेंडम जारी नहीं किया है.

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर 26 जून को यह फेक मेमोरेंडम अपलोड किया गया है जो वायरल हो रहा है. इसमें कहा गया है कि कोरोना संकट के कारण केंद्र के कर्मियों और पेंशनर्स का महांगाई भत्ता और महांगाई रीलीफ बंद कर दिया गया था लेकिन अब इसे जुलाई 2021 से बहाल किया जा रहा है. इस मेमोरेंडम में यह भी कहा गया है कि जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के तमाम भत्ते आने वाले दिनों में तीन किस्तों में अदा की जायेगी.

उधर कांग्रेस ने केंद्र के एक करोड़ 13 लाख कर्मियों के महंगाई भत्ते और पेंशनर्स के महंगाई रीलीफ की राशि रोके जाने पर सरकार की सख्त आलोचना की है और कहा है कि जल्द से जल्द ये भत्ते बहाल कर दिया जाना चाहिए.

https://twitter.com/FinMinIndia/status/1408800868640575488

उधर राहुल गांधी ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा था कि हमारे सैनिकों व केंद्रीय कर्मियों की गाढ़ी कमाई का 37500 करोड़ रुपये उन्हें नहीं देना एक तरह की लूट है और यह अपराध है. इसे किसी भी हाल में नहीं रोका जाना चाहिए.

गौरतलब है कि कोरना महामारी के समय केंद्र सरकार ने अगले आदेश तक केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा रखी है. जबकि विपक्ष का कहना है कि हमारे कर्मियों ने महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डाल कर काम किया है इसलिए उनकी कमाई को रोकना अपराध है.

By Editor


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