देवघर एम्स में गार्ड तक गैर-झारखंडी, हेमंत सोरेन ने लिखा पत्र
केंद्र सरकार द्वारा स्थापित देवघर एम्स में सिक्यूरिटी गार्ड भी गैर-झारखंडी हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर देवघर एम्स सुरक्षा गार्ड तक की बहाली में गैर-झारखंडी को नियुक्त किए जाने पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि देवघर एम्स में अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को नियुक्त किया जाए।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री सोरेन ने लिखा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि गार्ड की नौकरी में 90 फीसदी गैरझारखंडी नियुक्त किए गए हैं। यह जनसाधारण के हित में नहीं है। देवघर एम्स में स्थानीय की बहाली होनी चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। यह भी सत्य है कि स्थानीय लोग यहां आनेवाले झारखंड के मरीजों और उनके परिजनों की बेहतर सेवा कर सकते हैं। स्थानीय भाषा, व्यवहार से मरीज और परिजनों को भी सुविधा होगी।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री सोरेन ने लिखा है कि झारखंड सरकार अपने लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए संकल्पित है। झारखंड स्टेट इंप्लायमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेेट्स बिल-2021 लाया गया है। इसके तहत 30 हजार से कम वेतन वाले पदों का 75 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित किया गया है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से देवघर एम्स में स्थानीय लोगों की नियुक्ति के मामले को गंभीरता से लेने और बिना देर किए इस दिशा में अमल करने को कहा है। यह पत्र मुख्यमंत्री ने 19 जुलाई को लिखा है। अब देखना है कि केंद्र सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया को टैग करते हुए ट्वीट भी किया है। ट्वीट करते हुए कहा- झारखंड के लिए, खासकर संथालपरगना और आस-पास के इलाके के लिए देवघर एम्स मेडिकल की पढ़ाई और साथ ही जन स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्कृष्ट केंद्र होगा। देवघर एम्स स्टाफ में हमारे झारखंडी भाई-बहनों की संख्या बेहद कम होने को लेकर मैंने स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष सवाल उठा दिया है।
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