वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने पूर्वी चंपारण से पार्टी प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है। उन्होंने डॉ राजेश कुशवाहा को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। उन्हें चुनाव का सिंबल भी दे दिया गया है। इस तरह इंडिया गठबंधन के डॉ राजेश कुशवाहा का मुकाबला पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी राधामोहन सिंह के साथ होगा।
वीआईपी उम्मीदवार डॉ. राजेश कुशवाहा पेशे से डॉक्टर हैं। वे विधायक भी रह चुके हैं। वर्ष 2015 में राजद के टिकट से केसरिया विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अपनी उम्मीदवारी पेश की थी, लेकिन मोतिहारी सीट के आरएलएसपी के खाते में चले जाने के बाद उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिल सका। लेकिन वे निर्दलीय चुनाव लड़े और उन्हें अच्छा वोट मिला, जिसकी वजह से महागठबंधन के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। इलाके में उनकी पहुंच है। वीआईपी ने उन्हें टिकट देकर यहां मुकाबले को कड़ा बना दिया है। माना जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी राधामोहन सिंह की राह अब आसान नहीं रह गई है।
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डॉ कुशवाहा को टिकट मिलने के पीछे लालू यादव और तेजस्वी यादव की रणनीति बताई जा रही है। डॉ कुशवाहा ने पहले वीआईपी पार्टी ज्वाइन की और उसके बाद उन्हें पार्टी का टिकट दिया गया। भाजपा ने राज्य में एक भी कुशवाहा को टिकट नहीं दिया, जबकि राजद की तरफ से तीन कुशवाहा को टिकट दिया गया है। माले, सीपीएम ने भी एक-एक कुशवाहा को टिकट दिया है और अब वीआईपी ने भी कुशवाहा को टिकट दे दिया। इस प्रकार इंडिया गठबंधन से छह कुशवाहा प्रत्याशी हो गए। इंडिया गठबंधन की कोशिश है कि राज्य में कुशवाहा जाति में एनडीए से उपजे रोष को भुनाया जा सके।