किशनगंज में भाजपा समर्थित जदयू प्रत्याशी का हाल बताने के लिए ऊपर की यह तस्वीर ही काफी है। पार्टी ने यह तस्वीर खुद ही जारी की है। इसके साथ ही एक बयान भी जारी किया जिसमें किशनगंज की सभा को ‘विशाल’ बताया गया है। तस्वीर में साफ दिख रहा है कि मुश्किल से 250 लोग शामिल हैं। इस सभा को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने संबोधित किया। मंच पर भाजपा नेता भी दिख रहे हैं। उमेश कुशवाहा की यह सभा किशनगंज के आमौर विधानसभा क्षेत्र में एनडीए प्रत्याशी मास्टर मोजाहिद आलम के समर्थन में आयोजित की गई थी।

सभा में उमेश कुशवाहा ने कहा कि मोदी-नीतीश की जोड़ी का हाथ मजबूत करने के लिए किशनगंज से एनडीए उम्मीदवार मास्टर मोजाहिद आलम को भारी मतों से जीत दिलाना है। पिछली बार 40 में से 39 सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी, बस एक किशनगंज की कसर रह गई थी। इस बार हमें मिलकर वो कसर भी पूरा करना है। 4 जून को वोटों की गिनती के साथ केवल हमारी जीत का पैगाम ही नहीं आएगा, बल्कि हमारे लोकतंत्र का नया सूर्योदय भी होगा। हालांकि सभा में उपस्थिति से लगता नहीं कि एनडीए की वह कसर पूरी हो पाएगी।

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किशनगंज से 2019 में कांग्रेस के डॉ. मो. जावेद विजयी रहे थे। पार्टी ने उन्हें इस बार फिर से प्रत्याशी बनाया है। यहां एआईएमआईएम के प्रत्याशी अख्तरूल ईमान हैं। वे अमौर से पार्टी के विधायक भी हैं। किशनगंज लोकसभा सीट में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं – किशनगंज, ठाकुरगंज, बहादुरगंज, कोचाधामन, बैसी और अमौर। 2019 लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के डॉ. मो. जावेद को जीत मिली थी, जबकि दूसरे स्थान पर जदयू के सैयद महमूद अशरफ थे। एमआईएम के अख्तरूल ईमान तीसरे नंबर थे। अब इस बार देखना है कि कौन किस नंबर पर आता है।

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