फादर स्टेन स्वामी को जेल से अस्पताल ले जाएं : बॉम्बे हाईकोर्ट
आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय सुनाया। हाईकोर्ट ने आदिवासियों के अधिकारों के संघर्ष करनेवाले रांची के फादर स्टेन स्वामी को अस्पताल ले जाने का आदेश दिया।
आदिवासी और गरीब तबके के लिए संघर्ष करनेवाले रांची के 83 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी पिछले साल से ही महाराष्ट्र के जेल में बंद हैं। उन्हें भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनका स्वास्थ्य पहले से ही खराब था। उन्हें पारकिंसन बीमारी है। वे हाथ हिलने के कारण कप-ग्लास नहीं पकड़ सकते। उन्हें स्ट्रा-सिपर कप तक नहीं दिया गया था। इसके लिए भी उनके वकील को याचिका दायर करनी पड़ी थी। इस बीच महाराष्ट्र में कोरोना का खतरा भी है।
आज हाईकोर्ट के फैसले से न सिर्फ आदिवासी और ईसाई समाज बल्कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी राहत की सांस ली है। कोर्ट ने जेजे अस्पताल के डीन को भी आदेश दिया कि फादर स्टेन के मेडिकल चेकअप के लिए वे डाक्टरों की कमेटी बनाएं, जिसमें न्यूरो फिजिशियन, ईएनटी, आर्थोपेडिक और जेनरल फिजिशियन रहें।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर संभव हो तो फादर स्टेन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया जाए। जस्टिस एस जे कथावाला और जस्टिस एसपी तवाड़े ने महाराष्ट्र सरकार को भी आदेश दिया कि वह 21 मई को फादर स्टेन स्वामी की मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
फादर स्टेन स्वामी के वकील मिहिर देसाई ने बताया कि गुरुवार को डॉक्टरों की कमेटी फादर स्टेन का मेडिकल चेकअप करेगी। देसाई ने एनआई कोर्ट के हेल्त ग्राउंड पर बेल न देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 17 मई को देसाई ने कोर्ट को बताया था कि फादर स्टेन की तबीयत खराब हो रही है। कोरोना महामारी के कारण उनकी जान को खतरा है। अब कोर्ट के फैसले से स्टेन के शुभचिंतकों