फ्री वैक्सीन का वादा करनेवाली भाजपा ने बिहार को दिया धोखा
चुनाव के दौरान सबको कोरोना वैक्सीन फ्री में देने का वादा करनेवाली भाजपा ने बिहार को दिया धाखा। एक देश में एक ही वैक्सीन के तीन रेट क्यों?
बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने संकल्पपत्र में बिहार की जनता के साथ वादा किया था कि सबको फ्री में वैक्सीन दी जाएगी। अब सीरम इंस्टीट्यूट केंद्र सरकार को कोविशील्ड की एक डोज 150 रुपए में देगी, वहीं राज्य सरकारों को 400 रुपए में। प्राइवेट अस्पतालों को वही डोज 600 रुपए में मिलेगी।
बिहार भाजपा के सारे नेता चुप हैं। सवाल यह है कि क्या प्राइवेट अस्पताल 600 रुपए में खरीद कर फ्री में लोगों को देंगे? छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बूपेश बघेल ने घोषणा कर दी कि सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी और लोगों को फ्री में टीका दिया जाएगा। लेकिन बिहार भाजपा के नेता अबतक चुप हैं।
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एक देश में टीके की तीन रेट से आर्थिक विषमता बढ़ेगी। कोरोना ने नहीं, सरकार की नीतियों ने इस दौर में समाज में गैरबराबरी को बढ़ाया है। जैसे ही सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड वैक्सीन के रेट जारी किए सोशल मीडिया वन नेशन ट्रेंड करने लगा। लोग पूछ रहे हैं कि सीरम केंद्र सरकार को सस्ती दर पर और वही वैक्सीन राज्य सरकारों को लगभग तीन गुना कीमत पर क्यों दे रहा है। क्या इससे गरीब राज्य प्रभावित नहीं होंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने केंद्र की दोहरी नीति पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वैक्सीन की एक डोज के लिए 150 रुपए देगी, वहीं राज्य सरकारों को 400 रुपए देने होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सहकारी संघवाद नहीं है। केंद्र की यह नीति आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे प्रदेशों का खून चूसनेवाली है।
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राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि बिहार के जदयू-भाजपा नेताओं ने केंद्र की दोहरी नीति पर चुप्पी साध ली है, जबकि नुकसान बिहार का होगा। बिहार की दूसरी विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।
लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक जब भी अपने अधिकार की बात करते हैं, तो भाजपावाले एक देश-एक कानून कहकर खारिज करते रहे हैं। अब महामारी में एक रेट क्यों नहीं हो। कांग्रेस के सरल पटेल ने कहा कि भाजपावाले एक देश-एक चुनाव, एक देश-एक भाषा, एक देश-एक कानून पर लगातार अभियान चलाते रहे हैं।
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