गुजरात में पांच साल में 40 हजार बेटियां लापता, वेश्यावृत्ति में धकेला
प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे के बीच गुजरात से एक भयानक खबर आई है। पांच साल में 40 हजार बेटियां लापता हो गई हैं। वेश्यावृत्ति में धकेली गईं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे के बीच गुजरात से एक भयानक खबर आई है। पिछले पांच साल में इस प्रदेश से 40 हजार बेटियां लापता हो गई हैं। मानवाधिकार आयोग के सदस्य राज्य के एक आईपीएस अधिकारी के अनुसार प्रायः इन बेटियों को अन्य राज्यों में वेश्यावृत्ति में धकेला गया है। इस खबर को द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने प्रकाशित किया है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर में कहा गया है कि नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार 2016 से 2020 के बीच गुजरात में 41 हजार से ज्यादा महिलाएं और बच्चियां गायब हैं। एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2016 में 7,105, वर्ष 2017 में 7,712, वर्ष 2018 में 9,246 और वर्ष 2019 में 9,268 महिलाएं लापता पाई गईं। इसी तरह वर्ष 2020 में 8,290 महिलाएं मिसिंग रिपोर्ट की गईं। कुल मिला कर लापता दर्ज महिलाओं और बच्चियों की संख्या 41, 621 हैं।
अखबार के अनुसार गुजरात मानवाधिकार आयोग के सदस्य और पूर्व IPS अधिकारी सुधीर सिन्हा ने बताया कि कई लापता मामलों में उन्होंने पाया कि कई बार महिलाओं और बच्चियों को अन्य राज्यों में ले जाया गया और उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए बाध्य किया गया।
आईपीएस अधिकारी ने कहा कि पुलिस व्यवस्था की समस्या यह है कि वह लापता होने वाले मामलों को गंभीरता से नहीं लेती। जबकि ऐसे मामले हत्या से कम गंभीर नहीं होते हैं, क्योंकि जब भी कोई बच्चा लापता हो जाता है, तो माता-पिता वर्षों तक इंतजार करते हैं। इसलिए लापता मामलों की जांच भी हत्या जैसे मामले की तरह होनी चाहिए।
सोशल मीडिया में इस खबर को कई प्रबुद्ध लोगों ने शेयर किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस खबर को शेयर करते हुए लिखा- कि इसका अत्थ है कि गुजरात में हर रोज 25 महिलाएं और बच्चियां लापता हो रही हैं। यही है मोदी जी का गुजरात मॉडल?
यह खबर #GujaratStories के साथ ट्विटर पर शेयर की जा रही है। क्या केरला स्टोरी पर चर्चा करने वाले इस गुजरात स्टोरी पर चर्चा करेंगे?
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