IAS रूल्स में बदलाव पर ममता के बाद गहलोत, सोरेन का भी विरोध
IAS प्रतिनियुक्ति के नियमों में बदलाव का पहले ममता बनर्जी ने विरोध किया। अब राजस्थान के सीएम गहलोत व झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी विरोध में लिखा पत्र।
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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आईएएस प्रतिनियुक्ति के नियमों में बदलाव किया है। सबसे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्र लिखकर विरोध किया। केंद्र सरकार से कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिलने पर उन्होंने दोबारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया और संशोधन वापस लेने की मांग की। अब राज्स्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है।
नियमों में बदलाव के बाद अब आइएएस की केंद्र में प्रतिनियुक्ति केंद्र सरकार के हाथ में होगी। राज्यों से राय ली जाएगी, पर राय में फर्क होने पर केंद्र का निर्णय ही मान्य होगा।
ममता बनर्जी ने आईएएस कैडर नियमावली-1954 में बदलाव का विरोध करते हुए लिखा कि इससे आईएएस अफसरों में भय का माहौल बनेगा। वे खुलकर कार्य नहीं कर पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे देश का संघीय ढांचा चरमरा जाएगा।
आज राज्स्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री को ट्वीट करके कहा कि संविधान में प्रदत्त संघीय ढांचा की भावना कमजोर होगी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन पन्ने का पत्र प्रधानमंत्री मोदी को लिखा। उन्होंने पत्र में केंद्र के निर्णय पर कड़ा प्रतिवाद जताते हुए कहा कि प्रस्तावित अखिल भारतीय सेवा के नियमों में बदलाव देश में एकाधिकार को बढ़ावा देगा और सहकारी संघवाद को कमजोर करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीएमओ उनकी आपत्तियों पर विचार करेगा और प्रस्तावित संशोधनों को खारिज करेगा।
सोरेन ने अपने पत्र में कहा कि किसी आईएएस की इच्छा जाने बगैर और राज्य सरकार की सहमति के बिना उसकी केंद्र में प्रतिनियुक्ति गलत है। यह सब अफसरों की कमी बता कर किया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि राज्यों को केवल तीन श्रेणियों के अधिकारी मिलते हैं-आईएएस, आईपीएस और आईएएफ, जबकि केंद्र के पास अन्य श्रेणी के भी आईएएस होते हैं, जिनसे वह कमी दूर कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस नए नियम से राज्यों का अधिकार कम होगा। अधिकारियों में हमेशा भय रहेगा। ये है हेमंत सोरेन का पत्र-
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