कोरोना से रिकवर हो रहे डा.खालिद को मरीजों की सेवा न करने का गम
पटना के आईजीआईएमस के युरोलॉजी के विख्यात सर्जन डा. खालिद महमदू ( Dr Khalid Mahmood) कोरोना से जूझ रहे हैं. उन्होंने कोविड से जंग जीत ली है लेकिन अभी रिकवरी के दौर से गुजर रहे हैं. लेकिन डा. खालिद को खुद से ज्यादा मरीजों की सेवा न कर पाने का गम सता रहा है.
नौकरशाही डॉट काॉम के एडिटर इर्शादुल हक ने आज उनसे फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि वह अब कोरोना संक्रमण के खतरे से बाहर आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि महामारी के इस दौर में वह संक्रमित मरीजों की सेवा नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही हम मरीजों की सेवा कर पाने की स्थिति में होंगे.
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बिहार सरकार ने आईजीआईएमस ( IGIMS) को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित कर रखा है. डा. खालिद महमूद कहते हैं कि यह अस्पताल बुनियादी सुविधाओं के लिहाज से वर्लड क्लास हॉस्पिटल की हैसियत रखता है लेकिन मरीजों के भारी दबाव के कारण लोगों को सुविधायें मिलने में कठिनाइयां होती है.
गौरतलब है कि बिहार में प्रति दिन औसतन 13 हजार लोग कोरोना पोजिटिव हो रहे हैं. जबकि एक लाख के करीब सक्रिय मरीज हैं. बिहार में आम लोगों के अलावा चिकित्सक भी कोरोना के संक्रमण के शिकार हो रहे हैं.
अब तक करीब 300 डाक्टर इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं जिसके कारण इलाज पर असर पड़ रहा है. हालांकि बिहार सरकार ने इस दौरान चार हजार से ज्यादा चिकित्सकों की अस्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई रही है ताकि चिकित्सकों की कमी को पूरी की जा सके.