भारत में पाँच करोड़ लोग’औस्टियोपोरोसिस’से पीड़ित :डा अमूल्य
हेल्थ इंस्टिच्युट में विश्व औस्टियोपोरोसिस दिवस पर आयोजित हुई वैज्ञानिक–कार्यशाला
लगभग पाँच करोड़ रोग इस घातक बीमारी से ग्रस्त
‘औस्टियोपोरोसिस’,हड्डी की एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियाँ दीमक लगे दरबाज़े की भाँति कमज़ोर हो जाती हैं। हल्की चोट में भी टूट जाती है।
इस रोग में हड्डियाँ दो हिस्सों में नहीं टूटती, बल्कि अनेक स्थानों पर भसक जाती हैं,जिनके कारण उन्हें जोड़ना भी मुश्किल होता है। भारत में लगभग पाँच करोड़ रोग इस घातक बीमारी से ग्रस्त हैं। किशोरों और नौजवानों को जागरूक कर हम इस रोग से बचाव कर सकते हैं।
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यह बातें सोमवार को इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च, बेउर में, ‘विश्व औस्टियोपोरिसस दिवस’ पर आयोजित एक वैज्ञानिक कार्यशाला में मुख्य-वक़्ता के रूप में अपना व्याख्यान देते हुए, प्रसिद्ध अस्थि-रोग विशेषज्ञ डा अमूल्य कुमार सिंह ने कही।
डा सिंह ने कहा कि, ३५ वर्ष की आयु तक मनुष्य में अस्थियों का विकास होता है और उसकी शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। संतुलित और पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम और ४० मिनट तक प्रतिदिन धूप का सेवन, अस्थियों की मज़बूती के लिए आवश्यक है। आहार में विभिन्न विटामिनों के साथ कैलसियम और विटामिन-डी हड्डियों के लिए ज़रूरी हैं।
महिलाओं में यह बीमारी और तेज़ी से बढ़ रही
डा कमरुल होदा ने ‘पावर-पवाइंट’से अपना वैज्ञानिक-पत्र प्रस्तुत करते हुए, विद्यार्थियों को इस रोग के संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा, इसके ख़तरों से अवगत कराया।
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उन्होंने कहा कि आमलोग यह समझते हैं कि यह बुढ़ापे की बीमारी है,पर वे ये नहीं जानते कि यदि जवानी में अपनी हड्डियों को पूर्ण रूप से विकसित नहीं किया तो, प्रौढ़ावस्था में हीं इस रोग से ग्रस्त हो जाएँगे। महिलाओं में यह बीमारी और तेज़ी से बढ़ रही है।
अनियमित जीवन-शैली रोग को दे रही आमंत्रण
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए,संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि,अनियंत्रित, अनियमित जीवन-शैली और भोजन,इस रोग को आमंत्रण दे रही है।
आज के युवा जिस तरह तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं,नशे की लत के शिकार हो रहे हैं, व्यायाम-प्राणायाम से दूर भागते हैं, यह सबकुछ उन्हें अनेक प्रकार के रोगों के निकट पहुँचा रहा है,जिनमें औस्टियोपोरोसिस भी सम्मिलित है। जागरूक नौजवान स्वयं अपने को तथा अन्य व्यक्तियों को भी जागरूक कर रोगों से बचा सकते हैं।
संस्थान के फ़िज़ियोथेरापी विभाग के अध्यक्ष डा अनूप कुमार गुप्ता,आभास कुमार तथा डा अबनीश रंजन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यशाला में संस्थान के वरीय छात्र-छात्राओं अपेक्षा पंखुरी, ऐश्वर्या कश्यप, नपूर कुमारी,अंशुली सेन, आदित्य ओझा और रानी कुमारी ने भी अपने पत्र प्रस्तुत किए। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में संस्थान के चिकित्सा-कर्मी एवं छात्रगण उपस्थित थे।