IPS अनिल किशोर यादव ने राम का नाम लिये बिना की कड़ी टिप्पणी
IPS अनिल किशोर यादव ने राम और रामचरितमानस का नाम लिये बिना कड़ी टिप्पणी की है। कहा, वहां उम्मीद क्या करना, जहां पत्नी की अग्निपरीक्षा के नाम पर…।
बिहार के IPS अनिल किशोर यादव ने राम और रामचरितमानस का नाम लिये बिना कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने समाज में जाति के आधार पर भेदभाव और प्रताड़ित किए जाने का विरोध करते हुए बिना नाम लिये रामचरितमानस के राम पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि जिस देश में उसे नायक माना जाता है, जिसने अपनी पत्नी की अग्निपरीक्षा ली और इसके लिए गर्भवती होने के बावजूद जंगल में जाने को मजबूर कर दिया, वहां किससे उम्मीद की जाए।
आईपीएस अनिल किशोर यादव ने ट्वीट किया-घृणित बेईमान मौक़ापरस्त अत्याचारी व्यवस्था में कमजोर को हमेशा हीन समझा जाता है। “पापयोनि” ।। जहाँ ऐसा नायक गढ़ा और सेलिब्रेट किया जाता है जो अपनी अपहृता पत्नी की अग्निपरीक्षा लेता है और बाद में उस सगर्भा को मरने के लिए वनवास दे देता है एवं निहत्थे तपस्वी की हत्या कर देता है, वैसे अन्यायी कायर समाज से Merit और Justice पर सार्थक एवं स्वस्थ बहस की उम्मीद करना व्यर्थ है।
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— Anil Kishore Yadav IPS (@anil1996ips) June 6, 2023
Lick Above की घृणित बेईमान मौक़ापरस्त अत्याचारी व्यवस्था में कमजोर को हमेशा हीन समझा जाता है।
“पापयोनि”‼️
जहाँ ऐसा नायक गढ़ा और सेलिब्रेट किया जाता है जो अपनी अपहृता पत्नी की अग्निपरीक्षा लेता है और बाद में उस सगर्भा को मरने के लिए वनवास दे देता है एवं निहत्थे तपस्वी… https://t.co/J6B6upGOh5
दरअसल आईपीएस अधिकारी दिलीप मंडल के एक ट्वीट का जवाब दे रहे थे, जिसमें मंडल ने कहा था-भाई जी, AIIMS दिल्ली के सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड सुनील चुंबर हैं। अगर दुर्योग से प्रधानमंत्री के लिए भी ज़रूरत पड़े तो बहुत संभावना है कि यही सँभालेंगे। और अपोलो में हार्ट सर्जरी आपको करानी हो तो हेड डॉ. बावा दास मिलेंगे, जिनके नाम देश में सबसे ज्यादा हार्ट सर्जरी का रिकॉर्ड है। मैं तो कभी बीमार पड़ता नहीं, ज़रूरत पड़ने पर इनके पास जा सकता हूँ।
आईपीएस की टिप्पणी पर खुद को सनातनी कहने वाले कई यूजर्स ने विरोध जाताया है। याद रहे बिहार के शिक्षा मंत्री ने इसी साल जनवरी में तुलसी दास के रामचरितमामनस की एक पंक्ति पर सवाल उठाया था। उन्होंने ढोल-गंवार-शूद्र-पशु नारी जैसी पंक्ति को ग्रंथ से हटाने की मांग की थी, जिसके बाद देशभर में विवाद हुआ था। कई लोगों ने इस पंक्ति में शूद्र और नारी के दूसरे अर्थ बताए थे। अब देखना है कि आईपीएस अनिल किशोर यादव की टिप्पणी पर नई बहस होती है या बात समाप्त हो जाती है।
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