जनता के प्रति जवाबदेही से भागते अमृत प्रत्यय, ट्विटर पर क्यों नहीं
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत पर स्वास्थ्य विभाग की अहम जिम्मेदारी है, लेकिन वे ट्विटर पर नहीं है। तेजस्वी यादव ने कई निर्देश दिए, पर जनता अंधेरे में।
राज्य के मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों के साथ बैठक करते तेजस्वी यादव। उनके दाहिनी तरफ विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी प्रत्यय अमृत
आज हर मंत्री और अधिकारी ट्विटर और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। इससे आम जन को पता चलता है कि अधिकारी क्या कार्य कर रहे हैं, विभाग में क्या हो रहा है आदि। यह पारदर्शिता अधिकारियों को जनता के प्रति जिम्मेदार बनाती है। साथ ही आम जन को कोई परेशानी होने पर वह ट्विटर के जरिये अपनी समस्या अधिकारी के सामने ला सकता है। यह लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, लेकिन बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत ट्विटर पर नहीं हैं। उन पर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सड़क निर्माण विभाग की अहम जिम्मेदारी है। वे दोनों विभागों के अपर मुख्य सचिव हैं।
स्वास्थ्य भवन में सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों के अधीक्षकों के साथ बैठक में मिशन परिवर्तन के अन्तर्गत चिकित्सकीय सुविधा व व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। pic.twitter.com/H3FnCAyISL
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 6, 2023
तेजस्वी यादव स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। उन्होंने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों के साथ बैठक की और मरीजों के हित में कई निर्णय लिये। वे अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए मिशन परिवर्तन अभियान चला रहे हैं। उसकी समीक्षा भी हुई, लेकिन न सिर्फ यह दुखद है, बल्कि अलोकतांत्रिक भी है कि जनता को पता ही नहीं कि तेजस्वी यादव ने विभाग के अधिकारियों को क्या निर्देश दिया, अस्पतालों के अधीक्षकों को क्या टास्क सौंपा, कितनी प्रगति हुई। बिहार की जनता अंधेरे में है।
दरअसल स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के प्रयासों को जनता के बीच पहुंचाने की जिम्मेदारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रत्यय अमृत की ही है। यह लोकतंत्र का भी तकाजा है, लेकिन वे तो ट्वीटर पर हैं ही नहीं। न बिहारवासी जान पा रहे हैं कि विभाग क्या कर रहा है और न ही बिहारवासी अपना फीडबैक दे सकते हैं। चूंकि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही ट्वीटर नहीं हैं, तो विभाग भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग नाम के लिए ट्विटर पर है। हाल यह है कि 13 मई को विभाग ने पिछला ट्वीट किया है। उसके बाद 24 दिन से विभाग ने कोई ट्वीट नहीं किया है। अब तेजस्वी यादव के प्रयासों से जनता किस तरह वाकिफ हो? जाहिर है मंत्री के प्रयासों से जनता अनभिज्ञ ही रहेगी।
कोरोना महामारी के दौरान 2020 में स्व्साथ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार थे। उस वक्त सोशल मीडिया पर वे हर जानकारी शेयर करते थे। इससे जनता को हर जानकारी मिलती थी। जानकारी मिलने से अफवाहों पर स्वतः अंकुश लग जाता है।
स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को भी इसे देखना चाहिए। उनके लिए यह जरूरी है कि उनकी प्रशासन में बदलाव की कोशिश से जनता वाकिफ हो। यह महागठबंधन सरकार की छवि के लिए भी जरूरी है कि अधिकारी पारदर्शी तरीके से कार्य करें और जनता को हर सूचना दें। तभी जनता को शक्ति मिलेगी और लोकतंत्र मजबूत होगा।
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