झारखंड : आदिवासी लड़कियों से जबरन शादी कर रहे घुसपैठिए : शाह
त्रिपुरा में राम मंदिर के एक साल में तैयार होने की घोषणा करनेवाले गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड में कहा आदिवासी लड़कियों से जबरन शादी कर रहे घुसपैठिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को झारखंड में 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। चाईबासा में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी लड़कियों से घुसपैठिए जबरन शादी कर रहे हैं। उन्होंने हेमंत सरकार को आदिवासी विरोधी करार दिया। दो दिन पहले गृह मंत्री शाह ने उत्तर पूर्वी राज्य त्रिपुरा में सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 1 जनवरी, 2014 तक अयोध्या में राम मंदिर बन कर तैयार हो जाएगा।
Intruders are forcefully marrying tribal girls & grabbing their land. I warn Hemant Soren govt today, stop this audacity by intruders. Otherwise, people of Jharkhand won't forgive you. The greed for vote bank can't be bigger than tribal welfare: Union HM in Chaibasa, Jharkhand pic.twitter.com/gkXwiye5ng
— ANI (@ANI) January 7, 2023
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार शाह ने कहा हेमंत सरकार घुसपैठिए को रोके। इस खबर पर लोगों ने सवाल किया है कि कौन हैं घुसपैठिए? कल्चरल एक्टिविस्ट सुमन ने पूछा है कि ये घुसपैठिए कौन हैं और भारत की किस सीमा से झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं। राहुल ने लिखा कि बड़े-बड़े कॉरपोरेट आदिवासियों की सहमति के बिना उनकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। विकास दीप ने लिखा आप गृह मंत्री है। यह तो आपका सेल्फ गोल है।
हिंदुस्तान की पूर्व संपादक और लेखिका मृणाल पांडेय ने कहा-यह वाला चलन तो द्वापर युग से ही रहा है। तब भी द्वारिकाधीश कृष्ण का पोता प्रद्युम्न असम के बाणासुर की बेटी उषा को ले उड़ा था और चिरकुमार कार्तिकेय की सेना कामदेव की सेना से भिड़ गई थी। जीता तो प्रेम ही। फ़िज़ा में साँप छोड़नेवाले जनता की अदालत में सदा हारते हैं।
ध्यान रहे झारखंड की हेमंत सरकार के दो निर्णय से भाजपा परेशान है, जिसका वह काट खोज नहीं पाई है। पहला है, 1932 का खतियान लागू करना, जिससे स्थानीय नीति लागू होगी। स्थानीयता का आधार 1932 करने की मांग लंबे समय से यहां के पिछड़े करते रहे हैं। इस निर्णय से हेमंत सरकार का आधार मजबूत हुआ है। बिहार-यूपी से बाद में झारखंड गए लोग अधिकतर भाजपा समर्थक हैं। हेमंत सरकार ने हाल में खतियानी जोहार यात्रा की है, जिसे काफी सफलता मिली। हेमंत सोरेन 17 जनवरी से फिर खतियानी जोहार यात्रा शुरू कर रहे हैं।
सोरेन सरकार का एक दूसरा बड़ा निर्णय भाजपा को परेशान कर रहा है, वह है प्रदेश में आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 77 फीसदी करना। इसके तहत आदिवासियों का आरक्षण 26 से बढ़कर 28, एससी का 10 से बढ़कर 12 और पिछड़ों का 14 से बढ़कर 27 फीसदी आरक्षण हो जाएगा। विधानसभा ने इसे पारित कर दिया है। अब गेंद केंद्र सरकार के पास है।
बुजुर्ग महिला के चेहरे पर पेशाब करनेवाला धराया, नौकरी से बरखास्त