जो नीतीश न कर सके, वो सोरेन ने किया, पीएम को दिखाया आईना
तेजस्वी के बार-बार कहने पर भी नीतीश कुमार केंद्र से अपना हक न मांग सके। वहीं, हेमंत सोरेन ने सीधे पीएम को आईना दिखा दिया। सोशल मीडिया में कर रहे ट्रेंड।
बिहार में अबतक 18 वर्ष से अधिक के लोगों का टीकाकरण शुरू नहीं हो पाया है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए केंद्र पर कोई दबाव नहीं बना रहे। तेजस्वी यादव के बार-बार कहने के बावजूद वे पीएम से अपना हक नहीं मांग रहे।
उधर, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईना दिखा दिया। कल प्रधानमंत्री ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया। उन्होंने हेमंत सोरेन के भी फोन किया। लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री की बात सुनने के बजाय सिर्फ खुद बोलते रहे। इस पर हेमंत ने ट्विट किया-आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।
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हेमंत सोरेन के इस ट्विट को खबर लिखे जाने तक 55 हजार लाइक्स मिल चुके हैं। ट्विट करते ही विभिन्न चैनलों और सोशल मीडिया पर सोरेन छा गए। जहां टाइम्स नाऊ की नविका कुमार ने सोरेन को प्रोटोकॉल की याद दिलाई, वहीं देश के अनेक पत्रकारों ने सोरेन की सराहना की। लोग कह रहे हैं कि महामारी में भी मन की बात! आज तो कम से कम राज्यों से यह पूछना चाहिए कि उन्हें केंद्र से क्या मदद चाहिए।
पहले ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर सीधा आरोप लगाया कि पीएम की वजह से बंगाल में कोरोना तेजी से फैला। उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीधे प्रदानमंत्री को चुनौती नहीं दी, पर कोर्ट के सहारे अपने अधिकार का सवाल उठाया। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अपने ढंग से काम कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान से ऑक्सीजन आयात करने की अनुमति मांगी। हालांकि केंद्र ने अनुमति नहीं दी, पर वे अपने स्तार पर प्रयास करते दिख रहे हैं।
एक बात तय है कि राज्य के मुख्यमंत्री के कद और वजन का प्रभाव पड़ता है। अगर मुख्यमंत्री का कद बड़ा हो, तो केंद्र कभी उपेक्षा नहीं कर सकता। अबतक बिहार में 18 वर्ष से अधिक के लोगों का टीकाकरण शुरू नहीं हो पाया है, लेकिन इसके लिए बिहार केंद्र पर कोई दबाव नहीं बना रहा है।
इसीलिए बिहार में महामारी लगातार भयावह हो रही है। रोज हाईकोर्ट फटकार रहा है। वहीं, झारखंड के हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार के प्रयासों की सराहना की है। प्रधानमंत्री के साथ हुई बात को सार्वजनिक करने का कुछ चैनलों ने विरोध किया, इस पर झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. विष्णु राजगढ़िया ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की बातें गोपनीय रहें, लेकिन कोविड से निपटने की बातें सार्वजविक होनी ही चाहिए।