लालू के ट्विट को समझने में माथापच्ची कर रहे लोग

लालू कम शब्दों में बड़ी बात बोलने के लिए जाने जाते हैं। मुहावरों के जरिये भी दूर तक मार करनेवाली बात कहते रहे हैं। अब उनके एक ट्विट पर माथापच्ची हो रही है।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने आज एक पंक्ति का ट्विट किया, लेकिन उसे समझने के लिए विभिन्न दलों के नेता मातापच्ची कर रहे हैं कि आखिर लालू ने किस पर निशाना साधा है।

लालू प्रसाद ने आज ट्विट किया- सरकार की जनता के साथ ग़द्दारी कोविड से भी बड़ी महामारी है।

आखिर लालू प्रसाद ने कोविड से भी ज्यादा खतरनाक महामारी जनता के साथ गद्दारी क्यों कहा, उनके कहने का क्या अर्थ है? राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि लालू प्रसाद ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को निशाने पर लिया है। चुनाव में डबल इंजन की सरकार बनने पर बिहार को होनेवाले फायदे गिनाए थे। अब महामारी में वे फायदे कहां हैं? उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों को घेरा है। दोनों ने जनता से जो वादे किए, वे कहां हैं।

लालू प्रसाद ने कोविड से बड़ी महामारी जनता से गद्दारी कहकर शायद बिहार में अस्पतालों की दुर्दशा, 18 वर्ष से अधिक के लोगों को टीका देने से बिहार सरकार का इनकार, मुफ्त टीका देने के वादे से मुकरने को भी मुद्दा बनाया है। अब तो प्राइवेट अस्पतालों को सरकार ने टीका देने से भी मना कर दिया है। जाहिर है अब प्राइवेट अस्पतालों को खुद वैक्सीन खरीदनी होगी। कई प्राइवेट अस्पताल इस झंझट में पड़ना नहीं चाहेंगे और जो वैक्सीन देंगे, वे लोगों से कितना चार्ज करेंगे, सरकार ने यह भी तय नहीं किया है।

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लालू ने शायद यह भी कहा है कि विपत्ति कतनी भी बड़ी हो, अगर सत्ता ईमानदार हो, उसके लिए जनहित सर्वोपरि हो और अगर वह अपने वचन पर कायम रहे, तो विपत्ति, महामारी का सामना करना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है। ठीक इसके विपरीत अगर सत्ता अपना धर्म भूलकर, अपने वचन से गद्दारी करे, तो दुख पहाड़ बन जाता है।

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सवाल यह भी है कि चाहे प्रधानमंत्री मोदी हों या मुक्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों ही जिम्मेवारी लेने से भाग रहे हैं। कहा जा रहा है कि सिस्टम दोषी है। तो क्या लालू ने जिम्मेवारी से भागते नेताओं की गद्दारी याद दिलाई है। मोदी ने अच्छे दिन का वादा किया ता, अब लाख आलोचना के बावजूद महामारी में अपने लिए महल बना रहे हैं। इससे जनता का दुख कम हो सकता था। और अंत में, क्या लालू ने 9 मई की वर्चुअल मीटिंग के लिए कोई इशारा किया है?

By Editor