मोदी सरकार के विरुद्ध अपना स्टैंड रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने यूपी पुलिस की मदद से हिरासत में लिया है.उन्हें सुबह को 3 बजे हिरासत में लिया गया.
हिरासत में लेने के बाद से पुलिस गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम थाने में उनसे पूछताछ कर रही है.
उननको हिरासत में लिये जाने पर पत्रकार अब्दुल वाहिद आजाद ने कहा कि पुलिस आपको जो भी कहानी सुनाए… आप जान लीजिए उनका गुनाह ये है कि वो मौजूदा सरकार के मुखर विरोधी हैं.
विनोद वर्मा मोदी सरकार के खिलाफ फेसबुक पर भी काफी सक्रियता से पोस्ट डालते रहे हैं. उन्होंने 24 अक्टूबर को फेसबुक पर लिखा किसी ने कहा: 70 साल में कुछ नहीं हुआ कहते हुए अब वे सोचते होंगे कि यार ये लोग इतने साल सत्ता में बने कैसे रह लेते हैं, हमें तो पांच भारी पड़ते हैं.
इससे पहले विनोद ने नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना लिखा था जब पुरुषार्थ चुक जाता है तब चमत्कार की उम्मीद शुरु होती है. यह उम्मीदों का दौर है.
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि सेनापति (नरेंद्र मोदी पढ़ें) को बता दिया गया है कि यह उसका आख़िरी युद्ध है. सैनिकों को ख़बर है कि सेनापति के चेहरे पर भरोसा न करें.
विनोद वर्मा छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं और दिल्ली में रह कर पत्रकारिता करते हैं.