कन्हैया का असर या नया जोश? मौसम खराब, फिर भी लगे नारे
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आज कांग्रेस ने सदाकत आश्रम में ही धरना दिया। प्रशासन ने बाहर इजाजत नहीं दी, मौसम भी पटना में खराब। फिर भी लगे नारे।
बिहार कांग्रेस कुछ बदली हुई लग रही है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा थोपी गई महंगाई, बेरोजगारी, लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ बिहार कांग्रेस ने आज सदाकत आश्रम में ही धरना दिया। बाहर धरना-प्रदर्शन की इजाजत पटना प्रशासन ने नहीं दी। पटना का मौसम भी आज खराब था। रह-रह कर दिनभर बूंदा-बांदी होती रही। ऐसे में स्वाभाविक यही था कि धरना-प्रदर्शन को स्थगित कर दिया जाता और कार्यक्रम किसी दूसरे दिन होता। लेकिन बिहार कांग्रेस ने अपना निर्णय नहीं बदला और सदाकत आश्रम के प्रांगण में ही मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। सड़क से गुजरनेवाले लोग नारे लगा रहे नेताओं को देख-सुन रहे थे।
धरना में कांग्रेस के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह धीरज, कौकब कादरी और समीर सिंह शामिल थे। बिहार युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गुंजन पटेल ने बताया कि मोदी सरकार द्वारा थोपी गई महंगाई, युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी, चौपट होते छोटे व्यवसायी, तीन कृषि कानूनों को रद्द करने तथा लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश के खिलाफ आज धरना दिया गया।
मौसम खराब होने, गुलजारबाग में धरना देने के लिए प्रशासन से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद कांग्रेस ने अपना कार्यक्रम रद्द नहीं किया। क्या यह युवा नेता कन्हैया कुमार का असर है या कांग्रेस में नया जोश है, कह नहीं सकते, लेकिन इस धरने से कांग्रेस कार्यकर्ता खुश हैं।
एआईसीसी की तरफ से बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास भी दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में उस समय मौजूद थे, जब प्रेस के सामने कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर रहे थे। तब भक्त चरण दास ने कन्हैया कुमार का स्वागत करते हुए कहा था कि बिहार में आंदोलन आपका इंतजार कर रहा है। लगता है बिहार कांग्रेस के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष एक साथ धरने पर बैठकर भक्तचरण दास की बात को ही सही करार दे रहे हैं।
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