वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया। उनकी जीत से सेकुलर, डेमोक्रेटिक, लिबरल और सामाजिक न्याय की शक्तियों में खुशी की लहर व्याप्त हो गई है। सिब्बल की जीत पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि इस जीत से बार एसोसिएशन की प्रतिष्ठा फिर से स्थापित हुई है। उन्होंने इस जीत को चार जून की झलकी भी कहा। मालम हो कि इसी साल मार्च में जब एलोक्टोरल बान्ड की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी, तब तत्कालीन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर इस सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। इस पत्र की देशभर में आलोचना हुई थी। यही नहीं बार एसोसिएशम की कार्य समिति ने अध्यक्ष के पत्र को खारिज कर दिया था। कहा था कि कार्य समिति ने अध्यक्ष को ऐसा पत्र लिखने की सहमति नहीं दी थी। इससे बार एसोसिएशन के पिछले अध्यक्ष की भारी फजीहत हुई थी।
कपिल सिब्बल की जीत पर देश भर के प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष लोगों ने बधाई दी है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अब कमजोर वर्ग को न्या मिलना आसान होगा। सिब्बल राजनीतिक फायदे के लिए एजेंसियों के इस्तेमाल के खिलाफ रहे हैं, जिससे भाजपा के निशाने पर रहे हैं।
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कपिल सिब्बल की जीत पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने बधाई दी है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने बधाई देते हुए कहा कि यह चार जून का ट्रेलर है। सिब्बल की जीत के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, छात्र नेता उमर खालिद की रिहाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सोरेने के केस की सुनवाई 21 मई को होनी है। कई दलित संगठनों ने भी सिब्बल की जीत पर बाधाई दी है। जेएमएम ने भी सिब्बल की जीत पर बाधाई दी है।
सिब्बल को 1066 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 689 मत मिले।