लखीमपुर के मतदान केंद्र में कोई बटन दबाओ, पर्ची सिर्फ कमल की
आज तक ऐसी ईवीएम नहीं मिली, जिसमें कमल पर बटन दबाओ, तो साइकिल या हाथ की पर्ची निकली हो। हमेशा कमल की पर्ची ही क्यों निकलती है?
ऐसा हर चुनाव में होता है कि विरोधी दलों के चुनाव चिह्न साइकिल, हाथ, लालटेन पर बटन दबाओ, तो कमल की पर्ची निकलती है। लेकिन आज यूपी के चौथे चरण के चुनाव में तो हद हो गई। लखीमपुर के मतदान केंद्र पर ईवीएम में साइकिल, हाथ या किसी भी चुनाव चिह्न पर बटन दबा रहे थे, तो हर बार कमल छाप की पर्ची ही निकल रही थी। इसके बाद मतदान दो घंटे तक बाधित रहा।
पत्रकार विवेक शुक्ला ने ट्वीट किया- लखीमपुर खीरी के फरधान थाना क्षेत्र के बूथ संख्या 85 पर मॉकपोल के दौरान कोई भी बटन दबाने से कमल की पर्ची निकल रही थी, जिसको लेकर मतदान दो घंटा बाधित रहा। तहसीलदार सदर और सेक्टर मजिस्ट्रेट डॉ राकेश वर्मा ने मौके पर पहुंचकर नई ईवीएम मशीन दी। इसके बाद 8:55 पर मतदान दोबारा शुरू हो सका।
लेखक अशोक कुमार पांडेय ने लिखा-मुझे एक ऐसी घटना नहीं मिली जहाँ EVM के गड़बड़ी होने पर कोई बटन दबाने पर साइकल, पंजा, झाड़ू, हैंडपम्प या हाथी को वोट मिले। आख़िर सारी गड़बड़ मशीनों से कमल पर ही वोट क्यों पड़ता है?
एक ट्विटर यूजर आंदोलनजीवी ने लिखा-इसी कारण से हम जैसे लोग लगातार माँग करते रहते हैं कि चुनाव बेलट पेपर से होने चाहिए। वैसे भी ईवीएम से मतदान के पक्ष में यह तर्क दिया गया था कि मतदान गिनती में कम समय लगेगा परन्तु मतदान के दिन और रिज़ल्ट में एक-एक महीने का गैप हो रहा है।
एक अन्य यूजर ने लिखा-जी कृपया आज एक बहुत पुराना राज खोल ही दो। EVM हैक नहीं होता, इससे मैं सहमत हूँ। किंतु ये बटन वाली टेक्नोलॉजी किसकी है कि कोई भी बटन दबाओ वोट कमल को ही जाता है ? मैं मूर्ख हूँ, अनपढ़ हूँ और अज्ञानी भी हूँ। इसलिए कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।
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