बिहार महागठबंधन की समन्वय समिति की बैठक 12 जून को होगी। इससे पहले मंगलवार को भाकपा माले ने 40 सीटों पर दावा ठोक दिया है। पार्टी ने कहा कि वह 40 से 45 सीटों पर तैयारी कर रही है।
भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को प्रेस से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी 40 से 45 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है। कल से उनका बिहार दौरा शुरू हो रहा है। इस क्रम में वे बाराचट्टी, राजगीर और बिहारशरीफ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
माले की दावेदारी से महागठबंधन में खींचतान की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाराचट्टी में एक बार 1990 में माले को जीत मिली थी। तब पार्टी आपीएफ नाम से काम करती थी। बाद में यहां से राजद के प्रत्याशी भी जीते। इसी तरह राजगीर में पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी थे। यहां से माले कभी चुनाव में नहीं उतरा है। 80 और 90 के दशक में जिले में सीपीआई का जनाधार मजबूत था। तब सीपीआई के विजय कुमार यादव कई बार यहां से सांसद चुने गए। राजगीर विधानसभा क्षेत्र में भी सीपीआई के प्रत्याशी मैदान में उतरते रहे हैं।
इसी तरह बिहारशरीफ से पिछली बार राजद प्रत्याशी मैदान में थे। हालांकि पिछले कई चुनावों में यहां से राजद चुनाव नहीं जीत सका है। माले ने जिले की दो सीटों राजगीर तथा बिहारशरीफ पर दावा किया है। इस तरह माले की दावेदारी से सीपीआई में सवाल देखा जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि महागठबंधन में सीटों के तालमेल पर ज्यादा परेशानी नहीं होगी। अगस्त आते-आते सीटों का बंटवारा हो जाएगा। फिलहाल महागठबंधन का जोर नीचे तक आपसी समन्वय स्थापित करना है।