राजद के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आज पुराने समाजवादी और कर्पूरी ठाकुर के सहयोगी रहे मंगनी लाल मंडल ने नामांकन कर दिया। उनके अलावा इस पद के लिए किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया। उनके नामांकन के समय विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी उपस्थित थे। अब स्पष्ट है कि वे ही राजद के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे। इसकी औपचारिक घोषणा 19 जून को राज्य परिषद की बैठक में होगी। बैठक पटना के ज्ञान भवन में होगी।

मंगनी लाल मंडल अतिपिछड़े वर्ग से आते हैं। वे धानुक जाति से हैं। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाना तेजस्वी यादव का बड़ा दांव माना जा रहा है। पिछले 2020 विधानसभा चुनाव में राजद ने दक्षिण बिहार में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी में अच्छा प्रदर्शन नहीं था। मंगनी लाल मंडल उत्तर बिहार के हैं।  इससे पार्टी को उम्मीद है कि इस बार उत्तर बिहार से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाबी मिलेगी।

तेजस्वी यादव के इस कदम सामजिक समीकरण के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी अब माय समीकरण से बाहर निकलने को तैयार है। अतिपिछड़ों को अपनी तरफ लाने के लिए तेजस्वी यादव लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस बार उन्होंने पहले से दोगुना प्रत्याशी अतिपिछड़े वर्ग से बनाने की घोषणा की है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ये वर्ग अभी तक नीतीश कुमार के साथ रहा है, जिसका फायदा भाजपा को मिलता रहा है। अगर राजद इस जनाधार का 15-20 प्रतिशत भी तोड़ कर अपनी तरफ ला पाता है, तो इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस बात पर सभी सहमत हैं कि तेजस्वी यादव के इस कदम से जदयू और भाजपा को भारी नुकसान होगा।

याद रहे बिहार में अतिपिछड़ों का आबादी 36 प्रतिशत है। इस बार के चुनाव में अति पिछड़ों की भूमिका निर्णायक होगी, ऐसा माना जा रहा है।

 

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