कर्पूरी ठाकुर के सहयोगी रहे पुराने समाजवादी नेता मंगनी लाल मंडल ने गुरुवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर आयोजित समापोह को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अतिपिछड़ा विरोधी बताते हुए दो ऐसे आरोप लगाए, जिससे राज्य में अतिपिछड़ों की राजनीति में बवाल होना तय है। समारोह में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।

राजद के नए प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने अपने पहले ही संबोधिन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला किया। उन्हें अतिपछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि जब कर्पूरी ठाकुर ने राज्य में पिछड़ों-अतिपिछड़ों के लिए पहली बार आरक्षण का प्रावधान किया, तो उसका बहुत विरोध हुआ। उनकी सरकार 22 महीने में ही गिरा दी गई। उन्होंने और लालू प्रसाद ने कर्पूरी ठाकुर का साथ दिया और आरक्षण विरोधियों के खिलाफ खड़े हुए, लेकिन नीतीश कुमार ने कर्पूरी जी का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कर्पूरी के दिए आरक्षण का विरोध करते हुए कहा था कि इससे समाज में वैमनष्यता बढ़ेगी। नीतीश ने मार्क्सवादी सिद्धांत अमीरी-गरीबी की बात की थी। कहा कि वे शुरू से अतिपिछड़ों के विरोधी रहे हैं।

मंडल ने नीतीश कुमार पर दूसरा आरोप भी लगाया। कहा कि लोहिया कहते थे कि पिछड़ों के नेता की पहचान करनी हो, तो देखो कि वह किसके साथ बैठता है, किसके साथ बोलता है, किसके साथ खाता है। फिर मंडल ने सवाल किया कि नीतीश ने पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष किसे बनाया है। कहा कि उसे बनाया है, जो पिछड़ा विरोधी है, अतिपिछड़ा विरोधी है।

मंडल ने कहा कि कर्पूरी की सरकार 22 महीने में गिरा दी गई लेकिन नीतीश कुमार 20 साल से सीएम हैं। इसीलिए क्योंकि वे अतिपिछड़ों का वोट लेते हैं और काम सामंतों का करते हैं। आउटसोर्सिंग करके आरक्षण को खत्म कर दिया। नीतीश के रहते आउटसोर्सिंग की व्यवस्था खत्म नहीं हो सकती। मंडल ने नीतीश कुमार को शिखंडी तक कहा।

 

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