प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह कन्फ्यूज हैं या वे प्रायश्चित कर रहे हैं? लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद से लगातार हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि ईद में उनके घर खाना नहीं बनता था। पड़ोसी मुस्लिम परिवार के यहां से खाना आता था। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया में तरह-तरह की चर्चा हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए दावा किया कि बचपन में उनके घर के पास कई मुस्लिम परिवार रहते थे। हम सब मिल कर सारे त्योहार मनाते थे। ईद में मेरे घर खाना नहीं बनता था। मुस्लिम परिवार खाना दे जाते थे।
याद रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को मुस्लिम लीग का घोषणापत्र कहा था। फिर कहा था कि कांग्रेस वाले हिंदू महिलाओं का मंगलसूत्र छीन कर ज्यादा बच्चों वाले को दे देंगे। उनका इशारा मुसलमानों की तरफ था। फिर यह भी कहा कि कांग्रेस जीती, तो राम मंदिर में बाबर ताला लगा देगी। एक दिन पहले कहा कि कांग्रेस वाले रामलला को फिर से टेंट में भेजने की कोशिश कर रहे हैं। लगातार हिंदू-मुस्लिम के नाम पर विभाजन पैदा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर लोग कह रहे हैं कि अब देर से ही सही लेकिन प्रधानमंत्री को भी समझ में आ गया है कि हिंदू-मुस्लिम राजनीति से कोई फायदा नहीं हो रहा है। कई लोग मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कोई एजेंडा सेट करने में पूरी तरह विफल हैं, जबकि चार चरण के चुनाव हो चुके। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि क्या बोलें, क्या करें। यह भी कई लोग मान रहे हैं कि वे 24 घंटे के भीतर फिर हिंदू-मुस्लिम करेंगे, क्योंकि इसके अलावा वे कुछ दूसरा काम जानते ही नहीं हैं।
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इधर विपक्ष ने आज भी प्रधानमंत्री को घेरा। कहा मोदी जीते, तो संविधान और आरक्षण खत्म कर देंगे। बिहार में तेजस्वी यादव ने फिर रोजगार का सवाल उठाया। कहा कि मोदी की अग्निवीर योजना को रद्द कर दिया जाएगा। 15 अगस्त से नौकरी देने का काम शुरू होगा। 30 लाख खाली पदों को भरा जाएगा।