ओम बिरला के लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने के साथ ही सदन की औपचारिक कार्यवाही शुरू हो गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेशान दिखे। जिस कांग्रेस को उन्होंने खत्म करने का सपना देखा था, उसके नेता राहुल गांधी के साथ उन्हें ओम बिरला का स्वागत करना पड़ा और आसन तक जाना पड़ा। लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर ओम बिरला के बैठने के बाद सदस्यों ने उन्हें बधाई दी। इस दौरान राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने जमा दिया। राहुल गांधी ने बताया कि सदन के सुचारू संचालन का मतलब यह नहीं होता कि विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड करके शांति कायम की जाए, बल्कि विपक्ष की, देश की आवाज संसद में सुनाई पड़े। अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अध्यक्ष के इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। उन्होंने इशारों में ही तंज कसा कि वे स्वतंत्र होकर काम करें न कि किसी के निर्देश पर विपक्ष को बोलने का मौका न दें।
इससे पहले कल देर शाम कांग्रेस ने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता चुन कर प्रोटेम स्पीकर को सूचित कर दिया था। बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर ध्वनि मत से लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है, लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। इस बार विपक्ष देश की काफी अधिक जनता का प्रतिनिधित्व करेगा। सवाल यह नहीं कि सदन कितनी कुशलता से चलता है, सवाल यह है कि सदन में देश की कितनी आवाज सुनी जाती है। इसलिए विपक्ष की आवाज को कुचल कर सदन को चलाना एक अलोकतांत्रित विचार है।
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जी को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देना चाहता हूं। उम्मीद है लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौका और सम्मान देंगे, निष्पक्षता इस महान पद की जिम्मेदारी है, किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई न जाए।
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