प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीवान की जनसभा को संबोधित करते हुए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को आंबोडकर विरोधी कहा। आंबेडकर की तस्वीर लालू के पैर के पास रखी गई, जो बाबा साहेब का अपमान है। उन्होंने बिहार से करोड़ों की संख्या में हो रहे पलायन के लिए भी लालू और कांग्रेस को जिम्मेदार बताया।

याद रहे लालू प्रसाद के जन्मदिन पर लोग कतार लगा कर लालू प्रसाद को गुलदस्ते दे रहे थे। लालू प्रसाद कुर्सी पर भैठे थे। वे किसी से बात भी नहीं कर रहे थे। गुलदस्ता भी खुद नहीं ले रहे थे। बीमारी के कारण वे थके हुए लग रहे थे। इसी दरम्यान एक व्यक्ति डॉ आंबेडकर की तस्वीर लेकर आता है और पैर के पास खड़ा हो जाता है। फोटो के फ्रेम में ऐसा लग रहा है कि वह लालू यादव के पैर के पास आंबेडकर की तस्वीर लिए खड़ा है। सच्चाई तो यह है कि लालू पीछे हैं और उन्हें भी पता भी नहीं कि आने वाला व्यक्ति किसकी तस्वीर लेकर फोटो खिंचवा रहा है। इसी वीडियो को भाजपा ने खूब शेयर करते हुए लालू को आंबेडकर विरोधी कहा। अब उसी बात को प्रधानमंत्री मोदी ने भी दुहराया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार से पलायन के लिए कांग्रेस तथा राजद को जिम्मेदार बताया, जबकि दस साल से डबल इंजन की सरकार है और नीतीश कुमार 20 वर्षों से सीएम हैं। तो पलायन के लिए लालू और कांग्रेस कैसे जिम्मेदार हो गए। प्रधानमंत्री के इन आरोपों को लोग कमजोर आरोप कह रहे हैं। इससे साफ लग रहा है कि उनके पास कहने के लिए कोई बड़ी बात नहीं है।

इधर कई वीडियो वायरल हैं, जिसमें रैली में आई महिलाएं कह रही हैं कि वे आंगनबाड़ी सेविकाएं हैं और उन्हें जबरन भेजा गया है। कहा गया है कि सेविका के ड्रेस में नहीं जाना है। आम महिला की तरह दिखना है। कांग्रेस और राजद ने इसे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग बताया है।

 

By Editor