नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिना टेली प्राम्पटर के कोई बात बोल ही नहीं पाते हैं। उनके भाषण में न कोई कंटेट होता है और न आमजन के हित की बात। इतनी बार बिहार आये 200 से अधिक जगह पर भाषण किये लेकिन बिहार को क्या दिया ये नहीं बता पाते हैं। आज सीवान में सरकारी कार्यक्रम था लेकिन ऐसा लगा कि यह भाजपा का कार्यक्रम है। सभी जगह भाजपा का झंडा और बड़े-बड़े बैनर नजर आये जबकि खर्च होता है बिहार सरकार का। एक कार्यक्रम में सौ करोड़ के लगभग खर्च होता है। भीड़ इकट्ठा करने के लिए, प्रचार के लिए प्रधानमंत्री जी के आगमन से पहले नेताओं के द्वारा प्रचार-प्रसार और होर्डिंग, बैनर लगाये जाते हैं। बिहार के लोगों की गाढ़ी कमाई खर्च होती है लेकिन बिहार को देते क्या हैं ये नहीं बता पाते हैं। विश्व की सबसे अमीर पार्टी होने का दंभ भरने वाली भाजपा सरकारी कार्यक्रम को भी भाजपा का कार्यक्रम बनाकर बिहार सरकार से खर्च करवाती है।

पटना राजद कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जहां बिहार में कर्मचारियों को वेतन सही समय पर नहीं मिल पाते, मनरेगा मजदूरों के बकाया छह महीने से बाकी है, छात्र-छात्राओं के छात्रवृति नहीं दिये जाते वहीं सरकार का खर्च चेहरा चमकाने में किया जाता है। रैली में होने वाले खर्चों से बिहार के आम-आवाम परेशान है। थाना से लेकर ब्लॉक तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया जा रहा है। बिहार में शासन और प्रशासन प्रधानमंत्री के सभा में भीड़ इकट्ठा करने के कार्यक्रम में लगे हुए थे फिर भी भीड़ नहीं हो रही है। इससे ही स्पष्ट होता है कि अब प्रधानमंत्री जी के जुमला को लोग सुनना नहीं चाहते हैं।

श्री तेजस्वी ने आगे कहा कि बिहार में बनने वाली रेल इंजन अब विदेशों में जा रही है लेकिन ये क्यों नहीं बताया कि ये लालू जी की देन है। लालू जी और मोदी जी में यही फर्क है। जहां लालू जी ने रेलमंत्री रहते हुए बिहार में रेल इंजन कारखाना, पहिया कारखाना, डिब्बा कारखाना के साथ-साथ रेलवे को मुनाफा दिलाने का काम किया और हर साल रेल के किराये में कमी करके आम यात्री को सुविधा प्रदान करते थे। वहीं मोदी जी ने आज वंदे भारत ट्रेन चलाकर बिहार के लोगों को इतनी महंगी ट्रेन तो दी है लेकिन उनके आमदनी का कौन सा कल कारखाना, नौकरी, रोजगार या बंद पड़े चीनी मिलों को चालू किया है कि नहीं उसको क्यों नहीं बताते हैं जबकि आपने 2015 में ही कहा था कि बंद चीनी मिलों को चालू करवाकर बिहार में ही उसी चीनी मिल के चीनी से चाय पियेंगे। प्रधानमंत्री जी आपने तो चीनी मिल नहीं चालू किया लेकिन तेजस्वी ने 17 महीने के कार्यकाल में रीगा चीनी मिल चालू करके सीतामढ़ी के लोगों के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करवाये। मोदी के भाषण से न किसी का पेट भरता है और न किसी को रोजगार मिलता है। भीड़ इकट्ठा करने के लिए सरकारी खर्च और अधिकारियों का सहारा लिया जाता हो क्या 2005 के पहले ऐसा होता था। बिहार में 20 वर्षों में एनडीए सरकार में जितना पलायन हुआ है उसका ब्योरा प्रधानमंत्री जी ने क्यों नहीं दिया। बिहार की जनता अब ठगाने वाली नहीं है। बिहार की समस्या पलायन, बेरोजगारी, उद्योग धंधे की स्थापना, आईटी पार्क, टेक्सटाईल पार्क, बिहार में बेहतर चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था तथा पर्यटन से होने वाले आय पर कोई बात नहीं किये सिर्फ जुमलाबाजी करके चले गये।

 

By Editor