मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधेपुरा में भाषण के दौरान अपने प्रत्याशी का नाम ही भूल गए। दिनेश चंद्र यादव की जगह देवेशचंद्र ठाकुर कह दिया। पीछे से किसी ने याद दिलाया तो कहा दिनेशचंद्र ठाकुर। फिर याद दिलाने पर तीसरी बार में सही नाम बोल पाए। यही नहीं उन्होंने फिर कहा कि एनडीए को चार हजार सीटों पर जीत दिलाइए। लिखित भाषण पढ़ने में भी उन्हें परेशानी हो रही है। राजद ने कहा कि प्रदेश राम भरोसे चल रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधेपुरा में अपने प्रत्याशी का नाम भले ही भूल गए, लेकिन राज्य में प्रजनन दर में कमी आने की बात बताना नहीं भूले। कहा कि लड़कियों में शिक्षा के प्रसार के कारण ही राज्य में प्रजनन दर में कमी आई है। मुख्यमंत्री का अपने प्रत्याशी का नाम भूलना तथा चार हजार पार का नारा देना देश में फिर चर्चा ता विषय बन गया है।
राजद ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के हालात यह है कि अब तो लिखा हुआ पढ़ कर बोलने के बावजूद मधेपुरा से अपने प्रत्याशी का नाम ही भूल गए। पहले बोला देवेश चंद्र ठाकुर, फिर दिनेश चंद्र ठाकुर फिर मंच पर बैठे लोगों द्वारा बार-बार ठीक करने पर बोले दिनेश चंद्र यादव। बिहार राम भरोसे चल रहा है।
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लोकसभा चुनाव में एनडीए का पूरा अभियान छितराया हुआ है। कोई एक मुद्दा सामने लाने में एनडीए पूरी तरह विफल रहा है। प्रधानमंत्री अब परिवारवाद और भ्रष्टाचार को भूल गए हैं। अब वे मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने के खिलाफ जमकर बोल रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने अपने सभी प्रत्याशियों को पत्र लिखा है कि इसे मुद्दा बनाएं। लेकिन जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुसलमानों को आरक्षण देने को मुद्दा नहीं बना पा रह हैं। हालांकि कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के किसी भी दल ने धर्म के आधार पर आरक्षण की बात नहीं की है। संविधान भी इजाजत नहीं देता, लेकिन प्रधानमंत्री इसे मुद्दा बना रहे हैं। इधर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार नौकरी और संविधान बचाने को मुद्दा बना रहे हैं। आज फिर कई सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा वाले आरक्षण को समाप्त करना चहते हैं।