नीतीश का मिशन यूपी : अपना दल (ब) सहित दो दलों का JDU में विलय
नीतीश का मिशन यूपी : अपना दल (ब) सहित दो दलों का JDU में विलय। नीतीश के करीबी मंत्री श्रवण कुमार ने दोनों दलों का कराया विलय।
कुमार अनिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री श्रवण कुमार ने रविवार को प्रतापगढ़ में एक साथ दो दलों का जदयू में विलय कराया। अपना दल (ब) के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मराज पटेल और किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बीएल वर्मा के नेतृत्व में दोनों दलों का जदयू में विलय हुआ। इस मिशन में श्रवण कुमार पिछले कई महीने से लगे थे। पिछले महीने 28 अगस्त को अपना दल (ब) के कार्यकर्ता सम्मेलन में श्रवण कुमार मुख्य अतिथि के बतौर शामिल हुए थे। कई दौर की वार्ता के बाद दोनों दलों ने कल JDU में विलय कर दिया।
मालूम हो कि अपना दल की स्थापना डॉ सोनेलाल पटेल तथा इं बलिहारी पटेल ने मिल कर 1995 में किया था। सोनेलाल पटेल के निधन के बाद पार्टी दो धड़ों में बंद गई। एक धड़े का नेतृत्व उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल करने लगी तथा दूसरे धड़े का नेतृत्व उनकी पत्नी कृष्णा पटेल करने लगी। इस स्थिति में पार्टी के संस्थापक सदस्य इं बलिहारी पटेल ने दोनों धड़ों पर परिवारवाद करने का आरोप लगाते हुए अलग पार्टी बना ली, जिसका नाम अपना दल (ब) रखा। अपना दल ब ने 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी किसान आंदोलन के समर्थन में रही है। अपना दल ब भाजपा विरोधी स्टैंड लेती रही है। अपना दल ब के अलावा किसान पार्टी भी मुख्यतः कुर्मी जाति के बीच आधारवाली पार्टी है।
श्रवण कुमार की इस सफलता के बाद एक बार फिर से यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार प्रतापगढ़ या फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। फिलहाल दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। दोनों में से किसी भी सीट पर अगर नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो अब यूपी के 30 लोकसभा क्षेत्रों में इसका असर पड़ सकता है, जहां किर्मी आबादी अच्छी संख्या में है। हालांकि दोनों क्षेत्र भाजपा के पुराने गढ़ नहीं रहे हैं। अब दो दलों के जदयू में विलय के बाद नीतीश कुमार ने अपने पांव भाजपा के गढ़ में भी फैला लिये हैं। अब देखना है कि दोनों दलों के बाद यूपी में जदयू की आगे की रणनीति क्या होती है।
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