मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सीतामढ़ी, दरभंगा और कटिहार जिले में बाढ़ राहत शिविर और सामुदायिक रसोईघर का निरीक्षण कर पीड़ितों के लिये किये जा रहे राहत कार्यों का जायजा लिया।
श्री कुमार ने सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर में टोल प्लाजा के निकट स्थित बाढ़ राहत शिविर और सामुदायिक रसोई घर का निरीक्षण करने के बाद निर्देश दिया कि जिन शिविरों में सात सौ से अधिक लोग रह रहे हों, वहां दो सामुदायिक रसोईघर चलाया जाये। उन्होंने भोजन बनाने के स्थान को भी देखा और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने बाढ़ राहत शिविर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया। स्वास्थ्य शिविर के निरीक्षण के क्रम में उपलब्ध दवाओं एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे कई बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को गौर से सुना।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने जिलाधिकारी से जिले में चलाये जा रहे राहत कार्यो की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार एयर ड्रॉप द्वारा तीव्र गति से सुदूर एवं दुर्गम स्थानों पर राहत सामग्री उपलब्ध करायी जाये।
इस अवसर पर सीतामढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू, विधायक रंजू गीता और गायत्री देवी, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर एवं रामेश्वर महतो, मुख्य सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, तिरहुत के प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल समेत कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
उधर, दरभंगा जिले में सामुदायिक रसोईघर का नियमित संचालन नहीं करने के आरोप में आज दो प्रधानाध्यापक को निलंबित करने के साथ ही एक साधानसेवी को बर्खास्त कर दिया गया। अपर समाहर्ता विभूति रंजन चौधरी ने ृ बताया कि निरीक्षण में जिले के शहबाजपुर पंचायत स्थित उच्चतर मध्य विद्यालय करहटिया एवं प्राथमिक विद्यालय महथापोखर में सामुदायिक रसोईघर नहीं पाया गया। इसके चलते इन पंचायतों के बाढ़ पीड़ितों में रोष है। श्री रंजन की रिपोर्ट को जिलाधिकारी त्यागराजन एस. एम. ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया और इन जिलाधिकारी श्री त्यागराजन ने कहा कि बाढ़ राहत वितरण कार्य में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।