Owaisi फैक्टर से चिंतित नीतीश ने की मुसलमानों के साथ मीटिंग
एआईएमआईएम के Asaduddin Owaisi फैक्टर ने महागठबंधन को चिंतित कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुसलमानों के साथ बैठकर किया मंथन।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली लोगों के साथ मीटिंग की है। दरअसल असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के कारण महागठबंधन को हाल के दिनों में दो विधानसभा क्षेत्रों में हार का मुंह देखना पड़ा है। गोपालगंज और कुढ़नी में ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी ने उतना वोट हासिल कर लिया, जिससे महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। इन दो क्षेत्रों में हार से स्वाभाविक तौर पर महागठबंधन में चिंता व्याप्त है। इसी चिंता के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मुस्लिम नेताओं के साथ मंथन किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2010 विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतों का एक हिस्सा उनके साथ था। इस हिस्से ने जदयू को वोट किया। जदयू के कारण मुसलमानों के एक हिस्से का वोट तब भाजपा को भी मिल गया। उस समय आज वाली भाजपा नहीं थी। तब अटल बिहारी वाजपेयी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुसलमानों का वोट हमारे काम की वजह से मिला था। अतिपिछड़ों के लिए हमने कई कार्यक्रम और योजनाएं लागू कीं। इसका फायदा मुस्लिमों को भी मिला। कई योजनाएं सिर्फ मुस्लिमों के लिए भी शुरू की गई थी, जिसका लाभ भी मुस्लिमों को मिला।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि हमारी सरकार के काम को मुस्लिमों तक पहुंचाया जाए, तो उनका पूरा वोट हासिल किया जा सकता है। उन्होंने ओवैसी को भाजपा की बी टीम करार दिया।
वहीं एक दूसरा मत यह है कि ओवैसी की पार्टी को भाजपा की बी टीम कह कर खारिज करने से काम नहीं चलेगा। ओवैसी ने बिहार में अपनी जड़े जमा ली हैं। पिछले विधान सभा चुनाव में उसने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। मुसलमानों में एक वर्ग तैयार हो रहा है, जो ओवैसी में अपना प्रतिनिधित्व देखता है। यह तबका मानता है कि ओवैसी मुस्लिम हितों की प्रखर आवाज हैं। एमआईएम के बिहार के नेताओं का कहना है कि हमसे लड़ने से कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि तालमेल करें।
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