PK की यात्रा की गूंज विदेशों में पहुंची, आने लगे शुभकामना संदेश
प्रशांत किशोर ने बिहार के ठहरे हुए जल में जो कंकड़ फेंका, उसकी तरंगे अब साफ दिखने लगी हैं। वे गांव-गांव घूम रहे हैं। उनके प्रयास की गूंज विदेशों में पहुंची।
जातिवाद, पिछड़ापन, अशिक्षा, बेरोजगारी, पलायन जिस बिहार की पहचान बन गई है, उसे बदलना आसान काम नहीं है। इस कठिन काम को करने के लिए कठिन संकल्प और कठिन प्रयास की जरूरत है। प्रशांत किशोर इसे अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने सब कुछ समझते हुए बिहार को बदलने का अभियान शुरू किया और गांव-गांव में लोगों से संपर्क करना शुरू किया है। वे दो अक्टूबर से पदयात्रा शुरू करेंगे। उनके कठिन प्रयासों की गूंज अब विदेशों में पहुंच गई है। कई देशों में रहनेवाले बिहार के लोग अब प्रशांत किशोर को शुभकामनाएं भेज रहे हैं। समर्थन जता रहे हैं। प्रशांत किशोर और उनके टीम के लिए यह बड़ी बात है।
यूरोप और अन्य देशों में रहनेवाले बिहार के प्रवासी युवा, महिलाएं और हर पेशे के लोग प्रशांत किशोर को उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। बिहार फ्रेटर्निटी ऐसे ही बिहारियों की वैश्विक संस्था है। इस संस्था के सदस्य प्रशांत किशोर से ऑनलाइन जुड़े और अपनी शुभकामनाएं दीं। जवाब में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सबका आभार जताया और उनसे आग्रह किया कि अगर उनके भाई-बहन, संबंधी, मित्र या उनके कोई परिचित ऐसे हैं, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि उन्हें राजनीति में आना चाहिए, तो आप उनका नाम और नंबर दें। हमारी टीम संपर्क करेगी तथा अपने मंच से जोड़ेगी।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पांच वर्षों में स्थिति बिगड़ी है। पहले लोग नीतीश कुमार के प्रयास में कमी नहीं पाते थे, जबकि अब उनकी नीयत में खोट देख रहे हैं। आवास योजना में 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार हो रहा है। एक लाख का काम है, तो 40 हजार पहले दे दीजिए। प्रशांत ने कहा कि बिहार ब्रेक फेल की स्थिति में है। नीतीश कुमार के नियंत्रण से चीजें बाहर हो गई हैं।
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