राहुल गांधी के संसद में दिए भाषण और उसके बाद शंकराचार्य के समर्थन से भाजपा का नफरती हिंदुत्व सन्न है। राहुल गांधी ने भाजपा के हिंदुत्व को संसद में रौंद दिया। उन्होंने जिस तरह जोर देकर कहा कि हिंदू नफरत नहीं फैलाते, हिंसा नहीं करते, जबकि दिन-रात हिंदू की बात करने वाली भाजपा नफरत और हिंसा फैलाती है। उन्होंने सारे धर्मों के महापुरुषों का नाम लेकर कहा कि कोई भी धर्म नफरत और हिंसा नहीं सिखाता। हर धर्म में प्रेम-भाईचारे की बात की गई है। सारे धर्म कहते हैं डरो मत, डराओ मत।
राहुल गांधी ने भाजपा के हिंदुत्व पर ही हमला किया। यह बता दिया कि भाजपा का हिंदुत्व नफरती है, हिंसक है, जबकि सच्चा हिंदू नफरती नहीं हो सकता। उन्होंने भगवान शिव की तस्वीर भी दिखा दी। इसके बाद देश भर में बहस छिड़ गई। शुरू में कुछ लोग मान रहे थे कि राहुल गांधी को हिंदुत्व पर नहीं बोलना चाहिए था। यह भाजपा की पिच है। यहां वे फंस जाएंगे और भाजपा को फायदा हो जाएगा। लेकिन हुआ उल्टा। शंकराचार्य ने राहुल गांधी का समर्थन कर दिया और अब देश में यह धारणा मजबूत हो रही है कि भाजपा जो खुद को हिंदू रक्षक बताती है, दरअसल वह हिंदुओं को अपनी राजनीति और सत्ता के लिए इस्तेमाल कर रही है।
राहुल गांधी ने भाजपा की राजनीति के केंद्र पर हमला कर दिया है। हालांकि अब भी हिंदू के नाम पर नफरत और गाली-गलौज करने वाले सोशल मीडिया में मौजूद हैं, लेकिन उनकी धार भोथरी हो गई है।
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संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी को रोक कर कहा था कि विपक्ष के नेता ने सारे हिंदुओं को हिंसक कहा, जो गंभीर मामला है। लेकिन देश देख रहा था। राहुल ने जिस तरह जवाब दिया था कि भाजपा मतलब सारे हिंदू नहीं हैं। प्रधानमंत्री सारा हिंदू नहीं हैं। बाद में शंकराचार्य ने खुल कर राहुल गांधी का समर्थन किया। उन्होंने यहां तक कहा कि राहुल गांधी का पूरा भाषण उन्होंने सुना। राहुल गांधी ने हिंदू समाज को हिंसक नहीं कहा है। उन्होंने सिर्फ भाजपा को हिंसक कहा है। शंकराचार्य ने राहुल गांधी का आधा वीडियो दिखा कर गलत चित्र पेश करने का भी विरोध दिया और कहा कि यह अपराध है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।