विपक्ष के नेता राहुल गांधी को दरभंगा जिला प्रशासन ने आंबेडकर छात्रावास जाने की इजाजत नहीं दी। एयरपोर्ट पर उन्हें लगभग एक घंटे तक रोका गया। इसके बाद वे अपने काफिले के साथ निकल पड़े, लेकिन पुलिस ने खानकाह चौक पर बैरिकेड लगा कर उन्हें फिर रोक दिया। इसके बाद राहुल गांधी अपनी कार से उतरे और पैदल ही आंबेडकर छात्रावास के लिए निकल पड़े। वे पैदल तीन किमी चल कर आंबेडकर छावावास पहुंचे और छात्रों के साथ संवाद किया। उन्हें जिस प्रकार एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया, कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी गई, इससे दलित छात्र आक्रोशित दिखे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इधर बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित कई दलों के नेताओं ने राहुल गांधी को रोके जाने का विरोध किया।
राहुल गांधी ने छात्रों से कहा कि वे तीन बातों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। देश में जाति गणना कराई जाए। प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू हो तथा एससी-एसटी सब प्लान को लागू किया जाए।
दरभंगा के बाद राहुल गांधी पटना पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य के 400 सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ फुले पर बनी फिल्म देखी। इस दौरान कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं को छोड़ कर किसी नेता को भीतर जाने की इजाजत नहीं मिली।
इधर तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को दरभंगा में छात्रों से संवाद करने से रोके जाने पर कहा कि इसके लिए नीतीश कुमार और उनकी भूंजा पार्टी जिम्मेदार है। दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार के सुशासन की पोल खुल गई है।
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि राहुल गांधी राजनीति कर रहे हैं। इस पर लोगों ने पूछा कि उन्हें रोक कर आप भी तो राजनीति ही कर रहे हैं और राजनीति करना कब से अपराध हो गया। वहीं सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को रोके जाने की खबर वायरल है। लोग राहुल गांधी को रोके जाने का विरोध कर रहे हैं।