राहुल ने भंडारे में नहीं खाया, खुद का पकाया व बाबा का टिक्कड़ खाया
राहुल ने भंडारे में नहीं खाया, खुद का पकाया व बाबा का टिक्कड़ खाया। केदारनाथ में मोदी-मोदी के नारे से पुजारी दुखी। राहुल से मिलने वाले क्या कह रहे?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी केदारनाथ की तीन दिनों की यात्रा के बाद बुधवार को छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करते दिखे, लेकिन उनकी केदारनाथ यात्रा की चर्चा अब भी जारी है। अब कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें उनसे वाले लोग उनके बारे में अपनी राय बता रहे हैं। यहां के पुजारियों ने कहा कि राहुल गांधी संन्यासी की तरह रहे। उन्होंने अपना खाना खुद पकाया। बाजार का खाना नहीं खाया। अपना भोजन स्वयं बनाने वाले को स्वयंपाकी कहा जाता है। पुजारियों ने कहा कि वे स्वयंपाकी थे।
राहुल गांधी ने भंडारे में लोगों को खाना परोसा, लेकिन भंडारे का भोजन नहीं खाया। खुद का बनाया खाना खाया तथा एक मौनी बाबा के यहां वे कई बार गए तथा उनके हाथ का बना टिक्कड़ खाया। टिक्कड़ आंटे को गूंथ कर गोल बनाया जाता है, फिर इसे उबाल लिया जाता है।
राहुल गांधी पार्टी के किसी नेता से नहीं मिले। वे आम भक्तों से मिले, पुजारियों से मिले तथा कई बाबाओं से मिले। पुजारियों ने बताया कि राहुल गांधी जब बाबा के दर्शन करने जा रहे थे, तब पीछे से कुछ लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। पुजारियों ने कहा कि यह तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल बनाने का नतीजा है। पुजारियों ने राहुल गांधी को केदारनाथ धाम की समस्याओं से भी अवगत कराया। उन्होंने तीर्थ स्थल को पर्टन स्थल बनाने का विरोध किया। कहा कि यहां की मौलिकता बनी रहनी चाहिए। पुजारियों ने इस बात पर भी खुशी जताई कि राहुल ने गर्भगृह में फोटो नहीं खिंचवाया।
कई लोगों ने कहा कि राहुल गांधी से मिल कर उनके बारे में उनका विचार बदल गया। एक ने कहा कि टीवी के कारण उनकी छवि खराब की गई। वे अच्छे इंसान हैं। कई को उनकी सादगी, कोई दिखावा नहीं होना, कोई अहंकार नहीं होना की चर्चा की।
केदारनाथ यात्रा के बाद बुधवार को राहुल गांधी पिर से चुनाव प्रचार में शामिल हो गए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए फिर से जाति गणना की मांग उठाई।
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