राष्ट्रपति को आमंत्रित न करने पर फिर गरजे उदयनिधि स्तालिन
राष्ट्रपति को आमंत्रित न करने पर फिर गरजे उदयनिधि स्तालिन। राष्ट्रपति आदिवासी है इसलिए नहीं बुलाया। सनातन धर्म भेदभाव पर आधारित है, इसी का उदाहरण।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्तालिन के बेटे तथा राज्य सरकार में युवा कल्याण और खेल मंत्री उदयनिधि स्तालिन ने बुधवार को कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को आमंत्रित नहीं किया गया। यह सनातन धर्म भेदभाव पर आधारित है, इसी का प्रमाण है। मालूम हो कि सनातन धर्म पर अपनी टिप्पणी को लेकर पहले से भाजपा और संघ के निशाने पर रहे उदयनिधि स्तालिन ने आज फिर सनातन धर्म में छुआछूत का मुद्दा उठाया।
#WATCH | Chennai | On being asked if he can give any example of practices of caste discrimination that need to be eradicated, Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin says "President Droupadi Murmu was not invited for the inauguration of the new Parliament building, that is the… pic.twitter.com/dU79QmDaqK
— ANI (@ANI) September 6, 2023
उदयनिधि स्तालिनने बुधवार को चेन्नई में कहा कि राष्ट्रपति मूर्मू को आमंत्रित नहीं किया जाना सनातन धर्म में जाति के आधार पर भेदभाव के ‘बेस्ट एक्जांपल’ है। इसी के साथ उन्होंने महाभारत के एकलव्य का उदाहरण भी दिया। कहा कि एकलव्य अंगूठा काट लेना कहां का न्याय है। उन्होंने कहा कि एकलव्य को द्रोणाचार्य ने इसलिए शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वह नीच जाति का था। स्तालिन ने द्रविड़ आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे यहां गुरु अपने शिष्य से दक्षिणा में अंगूठा नहीं मांगता है। वह शिक्षा देता है बराबरी और सम्मान का।
मालूम हो कि हाल में उदयनिधि स्तालिन ने डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का तुलना सनातन धर्म से करते हुए इसके सफाए की बात की थी। उसके बाद देश में बवाल हो गया। अयोध्या के एक तथाकथित संत ने हाथ में तलवार लेकर स्तालिन का सिर लाने वाले को एक करोड़ रुपए इनाम देने का अलान किया है। उस तथाकथित संत पर कोई मामला नहीं दर्ज किया गया है।
उदयनिधि लगातर हिंदू धर्म में जाति के आधार पर भेदभाव के खिलाफ बोलते रहे हैं। तमिलनाडु में उनके इस अभियान से उनका समर्थक आधार खुश ही होता है।
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