केंद्र की मोदी सरकार के जाति गणना कराने के निर्णय के बाद अब राजद ने भाजपा को घेरा है। पार्टी के सांसद मनोज झा ने कहा कि जो लोग बंटोगे तो कटोगे का नारा दे रहे थे, वे अब कहां छुप गए हैं। उन्होंने कहा कि जब हम जाति गणना कराने की मांग करते थे, तो भाजपा के लोग हम पर समाज को बांटने का आरोप लगा रहे थे। अब जाति गणना की घोषणा के बाद ऐसे लोग खुद को जाति गणना का समर्थक बताने लगे हैं।

राजद ने भाजपा और जदयू को घेरते हुए कहा कि जाति गणना तो बिहार में हो चुकी है। उसी गणना के आधार पर राज्य सरकार ने पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया। इसे कोर्ट में चुनौती देकर फंसा दिया गया है। हम लगातार मांग कर रहे हैं कि बिहार के इस आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में दर्ज करें, ताकि कोर्ट इस पर रोक न लगा सके। राजद नेताओं ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो बिहार के 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में डालें, वर्ना बिहार की जनता चुनाव में हिसाब चुकता कर देगी।

केंद्र सरकार के जाति गणना कराने के बाद एनडीए को लगा था कि अब बिहार चुनाव इसी से पार लग जाएगा, लेकिन राजद ने आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को समाप्त करने की मांग करके एनडीए को फंसा दिया है।

केंद्र सरकार के निर्णय के बाद भाजपा दोहरी दुविधा का सामना कर रही है। एक तो उसे जाति गणना का समर्थन करना पड़ रहा है, लेकिन वह 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा समाप्त करने पर चुप है, वहीं बंटोगे, तो कटोगे जैसे नारे अब चमक खो चुके हैं। अब वह राजद पर जातिवादी होने का आरोप भी नहीं लगा सकती। इधर राजद इस मसले पर आक्रामक बना हुआ है। पार्टी का कहना है कि यह उसकी जीत है।

By Editor