RJD के भोज में भागलपुर का चूड़ा, गया का तिलकुट, नवादा का भुर्रा
चार साल बाद RJD की तरफ से मकर संक्रांति पर हो रहा भोज। भागलपुर से कतरनी चूड़ा, गया से तिलकुट और नवादा से भुर्रा आ रहा। 40 क्विंटल दही भी।
मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को राजद ने कार्यकर्ताओं के स्वागत की बड़ी तैयारी की है। चूड़ा- दही नहीं, बल्कि दही चूड़ा का इंतजाम है। जिस भोज में चूड़ा ज्यादा और दही कम दिया जाता है, उसे चूड़ा-दही कहते हैं और जिसमें दही भरपूर हो और साथ में चूड़ा हो, तो उसे दही-चूड़ा कहते हैं। राजद ने दही का भरपूर इंतजाम किया है। 40 क्विंटल दही मंगाया गया है। दही वैशाली के राघोपुर और पटना जिला के कई अंचलों से मंगाया गया है।
मकर संक्रांति को खास बनाने के लिए भागलपुर से कतरनी चूड़ी मंगाया गया है। गया के प्रसिद्ध तिलकुट के बिना दही-चूड़ा अधूरा रहता है, इसलिए गया का खास खस्ता तिलकुट भी होगा। साथ में मीठा के लिए नवादा का भुर्रा मंगाया गया है। राजद का यह भोज पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हो रहा है। पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद खुद पूरा इंतजाम देखते थे और कार्यकर्ताओं को किसी चीज की कमी न हो, इसके लिए तत्पर रहते थे। इस बार उस भूमिका में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रहेंगे। राबड़ी देवी आवास पर आठ से दस हजार कार्यकर्ताओं के स्वागत की तैयारी है।
इस बार जदयू की तरफ से कोई भोज नहीं हैं। पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जरूर भोज दे रहे हैं। कुशवाहा ने भी 14 जनवरी को ही दही-चूड़ा का भोज रखा है। इसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है। साथ ही पार्टी के विभिन्न जिलों के कार्यकर्ता भी आमंत्रित हैं। कुशवाहा ने भी इस भोज की बड़ी तैयारी की है। उन्होंने भी भागलपुर से कतरनी चूड़ा और गया से तिलकुट मंगाया है। खबर है कि उनके यहां भी 40 क्विंटल दही की व्यवस्था की गई है।
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