संकट की घड़ी में साथ खड़े हुए राहुल, शरद पवार के घर पहुंचे
संकट की घड़ी में साथ खड़े हुए राहुल, शरद पवार के घर पहुंचे। राहुल ने बड़ा दिल दिखाया। एनसीपी सहित, सभी विपक्षी दलों को दिया संदेश। महाराष्ट्र में होगा असर।
कुमार अनिल
शरद पवार 82 वर्ष की उम्र में गहरे संकट में हैं। उनका भतीजा कह रहा है कि आप राजनीति से संन्यास ले लीजिए। पार्टी तोड़ दी। विधायक तोड़ लिये। इस संकट की घड़ी में राहुल गांधी पहले ऐसे नेता है, जो शरद पवार से मिले। मिलने के लिए शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे। राजनीति में ऐसे कम उदाहरण हैं, जब संकट में इस तरह किसी दूसरे दल के नेता मदद में आगे आएं। राहुल गांधी ने बड़ा दिल दिखाया, जिसके सियासी मायने भी हैं।
महाराष्ट्र में एनसीपी के संकट को देखते हुए कई लोग मान रहे हैं कि शरद पवार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर देंगे। फिलहाल ऐसी संभावना के साकार होने की स्थिति नहीं लगती। शरद पवार अपनी पार्टी को दुरुस्त कर रहे हैं। वे पूरे महाराष्ट्र में दौरा करने की घोषणा कर चुके हैं। आज गुरुवार को मुंबई में उन्होंने पार्टी कार्य समिति की बैठक बुलाई थी। बैठक में प्रफुल्ल पटेल सहित अन्य विधायकों के निष्काषन को पार्टी कार्य समिति ने सहमति प्रदान की। वे एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहे हैं। मामला चुनाव आयोग में भी है। जनता के बीच जाना है। विधायकों को वापस लाना है। जो नहीं आएंगे, उन्हें घेरने के लिए जनता को संगठित करना है। भाजपा से भी लड़ना है।
VIDEO | Congress leader Rahul Gandhi meets NCP chief Sharad Pawar at his Delhi residence. pic.twitter.com/PLk1uAPKXL
— Press Trust of India (@PTI_News) July 6, 2023
शरद पवार ने मुंबई में पार्टी कार्य समिति के बाद पत्रकारों से कहा कि घर बैठ जाने का सवाल ही नहीं है। मैं 82 वर्ष का हूं या 92 वर्ष का, कदम रोक देने का सवाल ही नहीं हैं। उनके साथ जनता है। एक पत्रकार ने कहा कि अजीत पवार कह रहे हैं कि उनके साथ 36 विधायक हैं, तो शरद ने कहा कि समय आने पर सब सामने आ जाएगा। उन्हें पता चल जाएगा।
कोई दल जब भाजपा के हमले का शिकार होता है, तो दूसरे दल मदद नहीं करते। जब शिव सेना को भाजपा ने तोड़ा, तो खुद शरद पवार ने शिव सेना और उद्धव ठाकरे की कमी गिनाई थी। लेकिन आज राहुल गांधी ने कोई कमी नहीं बताई, बल्कि भाजपा के खिलाफ संघर्ष में एकजुटता दिखाई। राहुल के इस तरह शरद पवार के घर पहुंचने पर पूरे महाराष्ट्र में महा अघाड़ी (महागठबंधन) में सकारात्मक संदेश जाना तय है। इससे एनसीपी और कांग्रेस के बीच संबंध मजबूत होंगे।
याद रहे शरद पवार ने कभी सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाते हुए महाराष्ट्र में कांग्रेस तोड़ दी थी और अपनी अलग पार्टी एनसीपी का गठन किया था। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन पुरानी बातों को भुलाते हुए शरद पवार के साथ खड़े हुए।
दिल्ली पहुंचते ही छा गए लालू, बोले 300 सीटों पर जीतेगा विपक्ष