सरकार : PM केयर्स सरकारी नहीं, सवाल : कर्मियों का पैसा क्यों काटा

मोदी सरकार ने कोर्ट से कहा कि PM Cares Fund सरकारी नहीं है। इस जवाब से उठे कई सवाल। पीएम केयर्स फंड सरकारी नहीं, तो जबरन लाखों कर्मियों का वेतन क्यों काटा?

कुमार अनिल

आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि पीएम केयर्स फंड सरकारी संस्था नहीं है और इसमें जमा होनेवाली राशि किसी सरकारी खजाने में नहीं जाती।

मोदी सरकार के इस जवाब से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। देशभर के मजदूर संगठनों, विभिन्न दलों, संगठनों और महत्वपूर्ण लोगों ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने पूछा कि अगर पीएम केयर्स फंड सरकारी नहीं है, तो इस फंड के साथ पीएम नाम किसने और क्यों जोड़ा? क्यों देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) और सरकारी कर्मचारियों का वेतन जबरन काटकर इस फंड में दिया गया।

गौरव दंडवते ने एक जरूरी सवाल उठाया कि अगर यह सरकारी फंड नहीं है, तो भारत सरकार का प्रतीक (लोगो) क्यों लगाया गया? #PMCaresFund की वेबसाइट पर http://gov.in क्यों था? क्या है असली कहानी #PMCares की।

लेखक अशोक कुमार पांडेय ने पूछा-अगर पीएम केयर फंड सरकारी नहीं तो उसमें सरकारी कर्मचारियों की तनख़्वाह काटकर पैसे क्यों डाले गए? कैसे किसी निजी व्यक्ति को ‘प्रधानमंत्री’ शब्द के प्रयोग का अधिकार दिया गया?

कांग्रेस प्रवक्ता डॉ शमा मोहम्मद ने कहा कि पीएम केयर्स सरकारी फंड नहीं है, तो क्या प्रधानमंत्री ने चंदा हासिल करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया, क्यों सरकारी कर्मियों का वेतन काटा गया। इस चंदे से किसका भला किया जा रहा है? प्रधानमंत्री को जवाब देना होगा।

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा है कि अगर पीएम केयर्स फंड सरकारी नहीं है, तो इसका नाम मोदी केयर्य फंड क्यों नहीं रखा? सत्यम सिंह ने लिखा-PM केयर्स फंड सरकार का नहीं! पेट्रोल-डीज़ल-गैस के दाम – सरकार का नहीं! रेलवे, हाईवे, एयरपोर्ट – सरकार का नहीं! कोरोना की जिम्मेदारी – सरकार की नहीं! रोज़गार देने का काम – सरकार का नहीं! सीमाओं की सुरक्षा – सरकार के बस का नहीं!

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By Editor


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