SC-ST-इऩ फैसलों से समझिए कितना अंधकारमय है आपका भविष्य
SC-ST के लिए हाल के दो फैसले हिला देनेवाले हैं। एक उनके इलाके के विकास से जुड़ा है, दूसरा उनकी जमीन से जुड़ा है। एक केंद्र सरकार का फैसला है और एक यूपी का।
SC-ST श्रेणी के लोगों के लिए हाल में दो फैसले ऐसे हुए हैं, जो उनके भविष्य पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। दोनों फैसलों के दूरगामी प्रभाव होंगे। पहला, केंद्र सरकार ने MPLADS (सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना) के तहत खर्च की जाने वाली राशि में एससी-एसटी क्षेत्र के लिए अनिवार्य खर्च के नियम को बदल दिया. यह अनिवार्यता समाप्त कर दी। तथा दूसरा फैसला यूपी सरकार का है, जहां अब एससी-एसटी की जमीन खरीदने के लिए डीएम से स्वीकृति हासिल करना जरूरी नहीं रहा। अर्थात अब कोई भी खरीद सकता है। माना जा रहा है कि इससे दबंग लोग तथा भू-माफिया दबाव देकर जमीन ले सकते हैं।
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना की शुरुआत 1993 में हुई थी। इसके तहत यह शर्त थी कि योजना की कुल राशि का 15 प्रतिशत हिस्सा दलित बहुल इलाके में तथा आदिवासी बहुल इलाके में 7.5 प्रतिशत राशि खर्च करनी होगी। यह शर्त सामाजिक न्याय की धारणा से लगाई गई थी कि ताकि एससी-एसटी इलाके भी अन्य इलाकों की तरह विकसित हो सकें। यह समावेशी विकास के सिद्धांत पर आधारित था। सरकार ने हाल में सांसद निधि के इस शर्त को समाप्त कर दिया।
सीपीएम के सांसद जॉन ब्रिटास ने केंद्र सरकार के सांसद निधि के नियमों में बदलाव का विरोध किया था। थोड़ी देर पहले मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने नया शुद्धिपत्र जारी किया है। अगर यह विरोध नहीं होता, तो अंजाम समझा जा सकता था।
ये लोग रेल,तेल,भेल,जंगल, एअरपोर्ट ,रेलवेस्टेशन बेचते बेचते
— मंडल आर्मी, दिल्ली ⚖ (@MandalArmyDelhi) March 15, 2023
आज हमारे घर तक आ गये है आज SC/ST की ज़मीन ले रहे है कल OBC के घरों पर कब्जा करेंगे
धीरे धीरे देश मनुवादी व्यवस्था की तरफ़ जा रहा है
जहाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही प्रकार के लोगो के पास सब सुख संपदा होगी
सोचिए क्या करना… https://t.co/RlbTnRvojG pic.twitter.com/UwceYZawFe
इधर उत्तर प्रदेश सरकार ने एससी-एसटी की जमीन खरीदने के लिए डीएम से स्वीकृति की शर्त समाप्त कर दी है। इसे लेकर अभी तक बसपा या अन्य प्रमुख दलित नेताओं की प्रतिक्रिया नहीं आई है। पत्रकार सादाफ आफरीन ने कहा-मतलब, वो वाला दौर फिर से शुरू – जब छोटी जाति के लोगों की जमीन पर बड़ी जाति वाले जब चाहे तब कब्जा कर लेते थे!! उन्हे एक टाइम का खाना खिला कर उनकी पूरी जमीन कब्जा कर लेते थे!! कहीं ये दोहराया तो नही जायेगा??
मतलब, वो वाला दौर फिर से शुरू –
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) March 15, 2023
जब छोटी जाति के लोगों की जमीन पर बड़ी जाति वाले जब चाहे तब कब्जा कर लेते थे!!
उन्हे एक टाइम का खाना खिला कर उनकी पूरी जमीन कब्जा कर लेते थे!!
कहीं ये दोहराया तो नही जायेगा?? pic.twitter.com/9rc6p5Y2jB
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