कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व ब्यूरोक्रेट ए पी पाठक ने कहा बिहार के चम्पारण ज़िले के किसान यूरिया की भारी किल्लत से परेशान हैं, सरकार जल्द उपलब्ध कराये.
उन्होंने कहा की किसान देश और समाज का अन्नदाता हैं। पहले ही इस बाढ़ के कारण ज़िले में काफी फसल बरबाद हो गई है। जो किसान अपनी फसलों से उम्मीद पाले थे वो निराशा के गर्त में डूबते जा रहे हैैं, रही कसर यूरिया की भारी किल्लत ऑर कालाबाजारी की दोहरी मार ने किसानों की कमर तोड़ दी। यूरिया के बिना किसान खेती कैसे करेंगे ऑर उनका तथा उन लोगों का भारत पोषण कैसे होगा जो खेती पर निर्भर हैं।
पूर्व ब्यूरोक्रेट के सुझाव पर नीतीश ध्यान दें तो चम्पराण में आयेगी आर्थिक क्रांति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए पी पाठक के अनुसार चम्पारण में अधिकांश जनसंख्या खेती किसानी पर निर्भर हैं।
किसान पहले से वंचित ऑर परेशान है और यूरिया नहीं मिलने से और भी ज़्यादा परेशान हैं। जहां यूरिया मिल रही है वो काफी महंगी मिल रही है तथा व्यापारी इसका फायदा उठाकर किसानों का शोषण कर रहे हैं। रामनगर, नरकटियांज, सिकटा, लौरिया , बगहा,धनहा ऑर चनपटिया आदि जगहों पे यूरिया की पूर्ति किसानों को नहीं हो पा रहा है। चूंकि चंपारण में कृषि उत्पादकता ऑर व्यापार में चीनी मिलों का भी प्रभाव हैं परन्तु चीनी मिल कहीं किसानों के यूरिया संबंधित समस्याओं का पूर्ण निराकरण नहीं कर रहा है।
पूर्व ब्यूरोक्रेट ने पूछा की जब किसान को सस्ती बीज, खाद ऑर सहायता ही नहीं मिलेगी तो किसान कैसे खेती करेगा ?
पहले ही किसानों की खेती वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो पा रही है क्योंकि किसानों के लिए राजनीतिक रुचि नहीं होने के वजह से सरकार ऑर संस्थाएं पूरी ईमानदारी से प्रयत्न नहीं करती केवल दिखावा ही करती हैं।
अतः बाबु धाम ट्रस्ट का मानना है कि इस समस्या को जल्द सुलझाया जाए ।किसानों को उचित मूल्य पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए ताकि समाज और देश में उत्पादन सही हो और किसानों एवं खेती पर निर्भर करनेवालों का भला हो ।