प्रदूषण के नाम पर चीनी मिल पर रोक से नाराज मजदूरों ने किया आंदोलन
बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ के महासचिव प्रभुराज नारायण राव ने सासामुसा चीनी मिल चालू करने पर रोक लगाने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की कड़ी आलोचना की है ।
शिवानंद गिरि की रिपोर्ट
श्री राव ने बताया कि 20 दिसम्बर 2017 को सासामुसा चीनी मिल का कोवाड गिरा था ।जिसमें 9 मजदूरों की मौत हुई थी ।मृत मजदूरों को 10 -10 लाख रुपये मुआवजा तथा किसानों के बकाये पैसे के भुगतान के लिए बिहार सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है । उल्टे किसानों के हित में चलने वाली चीनी मिल को बन्द करने की चाल चली जा रही है जो घोर निन्दनीय है ।
श्री राव ने कहा कि बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ का प्रतिनिधि मण्डल घटना की जांच किया था ।जांच में बायलर में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं देखी गयी । बल्कि कोवाड गिरने से घटना घटी थी । जांच दल मृत मजदूरों के परिवार को 10 लाख मुआवजा,किसानों के बकाये पैसे का ब्याज सहित भुगतान तथा चीनी मिल को अविलम्ब चालू करने के लिये मिल गेट पर धरना एवं आमरण अनशन किया था ।
अनशनकारियों की स्थिति खराब होने पर 31 दिसम्बर को बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव विनोद कुमार के नेतृत्व में गोपालगंज नेशनल हाइवे को 11 बजे दिन से 11 बजे रात तक जाम रखा गया ।दोनों तरफ 40 किलोमीटर तक गाड़ियों की कतार लग गयी थी ।समाहर्ता गोपालगंज के आग्रह पर 11 बजे रात्री में सड़क जाम एवं अनशन तोड़ा गया था ।
बिहार सरकार के सूगर केन कारपोरेशन के अधीन बन्द पड़े 14 चीनी मिलों को चालू कराने के लिये तिरुपति (आंध्रप्रदेश)में अखिल भारतीय गन्ना उत्पादक किसान समन्वय समिति के 20 -21 को होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में रणनीति तय की जायेगी ।
हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि किसानों के गन्ना पेरने के लिये सासामुसा चीनी मिल चालू किया जाय तथा पेराई के बाद चीनी मिल की जांच सम्बन्धी कार्य किया जाय ।