सुप्रीम कोर्ट ने BJP प्रवक्ता से क्यों कहा ट्वीट के लिए माफी मांगो
SC जिस तरह नफरती भाषणों, मीडिया पर अंकुश, फेक न्यूज के खिलाफ सख्त है, उससे कई के होश उड़ गए हैं। जानिए BJP प्रवक्ता से क्यों कहा ट्वीट के लिए माफी मांगो।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के बीजेपी प्रवक्ता प्रशांत उमराव से अपने ट्वीट के लिए माफी मांगने को कहा है। भाजपा प्रवक्ता ने तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के साथ हिंसा किए जाने की खबर शेयर की थी, जो फेक न्यूज था। इस ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने को कहा है। याद रहे प्रशांत सुप्रीम कोर्ट के वकील भी है। इस ट्वीट पर प्रशांत ने कहा था की यह फ़ोटोशॉप है, लेकिन इसका आर्काइव सेव किया जा चुका था, पुलिस को वह आर्काइव ऑल्ट न्यूज़ के @zoo_bear ने उपलब्ध कराया था।
यूपी बीजेपी प्रवक्ता प्रशांत उमराव से इस ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने को कहा है, प्रशांत सुप्रीम कोर्ट के वकील भी है.
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) April 6, 2023
इस ट्वीट पर प्रशांत ने कहा था की यह फ़ोटोशॉप है, लेकिन इसका आर्काइव सेव किया जा चुका था, पुलिस को वह आर्काइव ऑल्ट न्यूज़ के @zoo_bear ने उपलब्ध कराया था pic.twitter.com/r4xinn3Y2u
सुप्रीम कोर्ट के इस रुख से फेक न्यूज के देश विरोधी कार्य में लगे लोगों के होश उड़ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा प्रवक्ता को यह भी कहा कि सार्वजनिक माफी मांगने के बाद ही कोर्ट में आएं। सोशल मीडिया पर भाजपा प्रवक्ता को फेक न्यूज पर लगी फटकार की खबर खूब चर्चा में है।
सुप्रीम कोर्ट ने 'बिहारी मजदूरों' पर हमले की झूठी खबर फैलाने वाले BJP नेता को 'माफी' मांगने को कहा pic.twitter.com/6fXsaRymeE
— Bolta Hindustan (@BoltaHindustan) April 6, 2023
भाजपा प्रवक्ता प्रशांत ने जो खबर शेयर की थी उसमें लिखा था कि हिंदी बोलने के कारण बिहार के 15 लोगों को एक कमरे में फांसी पर लटका दिया गया, जिसमें 12 की मौत हो गई। खबर में यह भी था कि बिहार के लोगों को तब फांसी दी गई जब बिहार के नेता तेजस्वी यादव तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्तालिन के जन्मदिन पर केक काट रहे थे। ऐसी ही फेक खबरों के कारण बिहार के मनीष कश्यप पर तमिलनाडु सरकार ने एनएस ए लगाया है। मनीष कश्यप के कई भाजपा नेताओं के साथ संबंध थे, जिनके साथ के फोटो उसने सोशल मीडिया में शेयर किए थे।
सोशल मीडिया पर कई लोग भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा शेयर किए गए फेक न्यूज की याद दिला रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फेक न्यूज और हेट स्पीच के खिलाफ लगातार स्टैंड लेने की सराहना भी कर रहे हैं।
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