बिहार में महागठबंधन की बैठक गुरुवार को संपन्न हो गई। बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जहां तेजस्वी यादव ने बिहार की बदहाली के लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा किया, वहीं बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अलावरु ने बताया कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सभी दलों की समन्वय समिति बनेगी। समिति में 13 सदस्य होंगे। हर दल से दो-दो सदस्य समिति के सदस्य होंगे। आज की बैठक में पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अलावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम तथा विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी, सीपीआई, सीपीएम तथा माले के राज्य सचिव शामिल थे। बैठक में लोजपा के पशुपति पारस के भी शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया। संभव है उन्हें बाद में शामिल किया जाएगा।
पटना में राजद कार्यालय में महागठबंधन की बैठक तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्यमंत्री फेस को लेकर चर्चा नहीं हुई। समन्वय समिति बनाई गई, जो पूरे चुनाव अभियान का नेतृत्व करेगी।
नेताओं ने बताया कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनी समिति कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय करेगी। जिलों से प्रखंड तक गठबंधन में शामिल दलों के कार्यकर्ताओं के बीच किस प्रकार बेहतर तालमेल हो, इस पर फैसला लेगी। साथ ही यह समिति वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की आशंकाओं पर भी नजर रखेगी।
बैठक में तेजस्वी यादव की एक तरफ मुकेश सहनी बैठे थे, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अलावरु बैठे थे। साफ है गठबंधन में मुकेश सहनी का विशेष महत्व होगा। साथ ही कांग्रेस भी पूरी ताकत से लड़ेगी।
इधर महागठबंधन की बैठक से भाजपा में खलबली रही। उसके कई नेता महागठबंधन की बैठक पर प्रतिक्रिया देते नजर आए। भाजपा ने बैठक को बेकार कहा, जबकि गठबंधन के दलों ने आज एकजुटता दिखा कर बताया कि इस बार चुनावी संग्राम तीखा होनवाला है।
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