इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम

मुकेश सहनी रण से भागा हुआ घोड़ा. आखिरी लम्हे में तेजस्वी यादव का साथ छोड़ा हुआ आदमी. रातों रात भाजपा खेमे में जा कर महागठबंधन को ठेंगा दिखा दिया था. फिर भी 2019, 2020 और 2024 के चुनाव में तेजस्वी ने क्यों इतना महत्व दिया ? जबकि मुकेश के कारण एक भी सीट का लाभ अब तक नहीं मिला.

और अब 2025 में तेजस्वी मुकेश को कांग्रेस के समान महत्व दे रहे हैं, जबकि माले को किनारे पर ठिकाना देते रहे हैं ? क्या तेजस्वी यादव राजनीति के कच्चे खिलाड़ी हैं ?

इन तमाम सवालों के जवाब आज हमने बड़ी बारीकी से तलाशने की कोशिश की है. कई घंटों की मशक्कत के बाद हम जिस नतीजे पर पहुंचे हैं वह हमें बताता है कि तेजस्वी की यह रणनीति काफी सधी हुई है.

मुकेश सहनी नामक सियासी घोड़े को रण में इस्तेमाल करने के आंतरिक व बाहरी कारकों पर रौशनी डालता यह अनालिसिस आप जरूर देखें.

इन तमाम सवालों का जवाब आज आप हक की बात, इर्शादुल हक के साथ हमारे यूट्यूब मंच पर देखिए. मल्लाह सियासत की गहराई को समझने में यह विडियो महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

 

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