तूफानी शनिवार : पटना में अमित शाह, तो पूर्णिया में नीतीश-तेजस्वी
शनिवार, 25 फरवरी को बिहार में राजनीति के दो विरोधी रंग एक साथ देखने को मिलेंगे। पटना में अमित शाह अपना रंग दिखाएंगे, तो पूर्णिया में नीतीश-तेजस्वी।
2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी की खास झलक शनिवार, 25 फरवरी को बिहार देखेगा। पटना में गृह मंत्री अमित शाह अपना एजेंडा बताएंगे, तो जवाबी एजेंडा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पूर्णिया में प्रस्तुत करेंगे। क्या अमित शाह के भाषण का जोर राम मंदिर पर होगा या जंगल राज पर या दोनों पर? उधर, महागठबंधन पूर्णिया में सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ बड़ा एलान कर सकता है। वह भाजपा पर हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने की राजनीति करने का आरोप लगाता रहा है। नीतीश कुमार तो यह भी कह चुके हैं कि अगर विपक्ष एकजुट हुआ, तो भाजपा सौ सीटों पर सिमट जाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह के स्वागत में पटना में जगह-जगह बैनर-ट्वार दिख रहे हैं। वे शनिवार को पटना के बापू सभागार में स्वामी सहजानन्द सरस्वती की जयंती समारोह सह किसान मजदूर समागम को संबोधित करेंगे। स्वामी सहजानंद सरस्वती बिहार के बड़े किसान नेता रहे हैं, जो पहले कांग्रेस तथा बाद में वामपंथ के निकट रहे। वे आजादी के आंदोलन के साथ ही किसानों के हक के लिए अपने संघर्ष के लिए जाने जाते हैं। अब देखना है कि स्वामी सहजानंद सरस्वती को भाजपा किस प्रकार अपनी राजनीति से जोड़ती है। अमित शाह चंपारण के लौरिया में भी एक सभा को संबोधित करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि लौरिया है तैयार, होगी राष्ट्रवाद की हुंकार! जायसवाल के बयान से लगता है कि अमित शाह राष्ट्रवाद पर जोर देंगे अर्थात किस प्रकार भारत आगे बढ़ रहा है, पाकिस्तान को सबक आदि-आदि।
उधर, पूर्णिया में महागठबंधन की महारैली है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव संबोधित करेंगे। लालू प्रसाद दिल्ली से ही सभा को ऑनलाइन संबोधित करेंगे। इस महारैली से महागठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव का अपना एजेंडा रखेगा। नफरत की राजनीति, महंगाई, बेरोजगारी, ईडी-सीबीआई के जरिये विपक्ष की आवाज दबाने जैसे मुद्दे रखे जाएंगे। महागठबंधन के सारे दल जिस प्रकार महारैली की तैयारी कर रहे हैं, उससे माना जा रहा है कि इसमें सीमांचल के लोगों की बड़ी भागीदारी होगी।
नेहा राठौर को पुलिस नोटिस के बाद पति को आदेश नौकरी छोड़ो