UCC पर मुस्लिमों के पक्ष में कूदे कुशवाहा, संघ के हिंदुत्व से बनाई दूरी
UCC पर मुस्लिमों के पक्ष में कूदे कुशवाहा, संघ के हिंदुत्व से बनाई दूरी। समान नागरिक संहिता पर RLJD प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा इमारत-ए-शरिया पहुंचे।
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समान नागरिक संहिता पर राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मंगलवार को पटना के फुलवारीशरीफ स्थित इमारत-ए-शरिया पहुंचे। उन्होंने यहां समान नागरिक संहिता पर देर तक चर्चा की। इस मसले पर इमारत-ए-शरिया का पक्ष जाना। उन्होंने कहा कि इमारत-ए-शरिया की कुछ आशंकाएं बिल्कुल वाजिब हैं। उन्होंने इमारत-ए-शरिया को आश्वस्त किया कि वे उनके साथ खड़े हैं।
रालोजद प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने खुद ट्वीट करके कहा कि आज इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली फैसल रहमानी जी से फुलवारी शरीफ अवस्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर उनसे समान नागरिक संहिता पर गंभीर चर्चा की। उन्होंने अपनी चिंताओं से अवगत कराया। उनकी कुछ आशंकाएं पूर्णतः जायज़ हैं। मैंने उनको आश्वस्त किया कि ऐसे मुद्दे पर रालोजद पूरी तरह से उनके साथ खड़ा है और आगे भी रहेगा। साथ ही मैंने उनसे समान नागरिक संहिता के तहत नैसर्गिक न्याय की दृष्टि से कुछ आवश्यक विषयों पर सकारात्मक, प्रासंगिक और वस्तुनिष्ठ हो कर विमर्श को आगे जारी रखने का आग्रह भी किया।
आज इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली फैसल रहमानी जी से फुलवारी शरीफ अवस्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर उनसे समान नागरिक संहिता पर गंभीर चर्चा की। उन्होंने अपनी चिंताओं से अवगत कराया।
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLJD) July 11, 2023
उनकी कुछ आशंकाएं पूर्णतः जायज़ हैं। मैंने उनको आश्वस्त किया कि ऐसे मुद्दे पर रालोजद… pic.twitter.com/tHLG4JWCgg
एनडीए में शामिल कई दल समान नागरिक संहिता पर अपना प्रतिवाद जता चुके हैं। ये दल मुख्यतः उत्तर पूर्वी प्रदेशों के है। हिंदी क्षेत्र और खास कर बिहार के किसी एनडीए नेता का इस प्रकार भाजपा से दूरी बनाना खास बात है। समान नागरिक संहिता आरएसएस का लंबे समय से एजेंडा रहा है। कुशवाहा ने संघ और भाजपा से दूरी दिखा कर उन्हें बड़ा झटका दिया है।
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भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी समान नागरिक संहिता से उत्तर पूर्वी राज्यों तथा आदिवासियों के बाहर रखने की बात कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि समान नागरिक संहिता सिर्फ एक वर्ग को निशाने पर लेने के लिए लाया जा रहा है। इसीलिए उपेंद्र कुशवाहा का इमारत-ए-शरिया पहुंचना और मुसलमानों को आश्वस्त करना बड़ी बात है। इस घोषणा से उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में रहते हुए भाजपा से अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की है।
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