उमर खालिद को जमानत की उम्मीद, एक नवंबर को होगी सुनवाई
उमर खालिद को जमानत की उम्मीद, एक नवंबर को होगी सुनवाई। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा 20 मिनट में साबित हो जाएगा केस में दम नहीं।
जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद तीन वर्षों से जेल में बंद हैं। उनकी जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी। अब सुनवाई की नई तारीख दी गई है एक नवंबर। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सिर्फ 20 मिनट में साबित हो जाएगा कि इस केस में दम नहीं है। उमर खालिद लगभग तीन साल से जेल में बंद हैं और ट्रायल कोर्ट ने आरोप भी गठित नहीं किए हैं। सिब्बल ने कहा कि उमर खालिद एमए हैं, पीएचडी होल्डर हैं, इसके बावजूद वे तीन साल से जेल में बंद हैं।
लाइव लॉ की खबर के मुताबिक जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ खालिद की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पिछले साल उसे जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। खालिद की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा, वह एक युवा छात्र है, पीएचडी डिग्री होल्डर है, तीन साल से जेल में है, यह चल रहा है। सिब्बल ने कहा, अभी आरोप तय होने की कोई संभावना नहीं है, आप उसे कब तक वहां रखेंगे?
उमर खालिद सितंबर 2020 से तीन साल से अधिक समय से जेल में बंद है और दिल्ली में फरवरी 2020 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आसपास की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत अपने मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उमर खालिद की रिहाई के लिए देशभर से आवाज उठती रही है। कई संगठनों तथा सैकड़ों की संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उमर की रिहाई के लिए अब तक कई कार्यक्रम किए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने एक नवंबर की तारीख मुकर्रर की है, तो एक बार फिर से देश के लोकतांत्रिक लोगों को उम्मीद बंधी है कि सुप्रीम कोर्ट इस युवा को जेल से बाहर आने के लिए जमानत का आदेश देगा।
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