राजभवन ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता एवं विकास के प्रयासों को गति देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालयवार समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है। राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों एवं कार्यों की समीक्षा के लिए विश्वविद्यालयों के अलग- अलग समीक्षा का निर्णय लिया है।
कुलाधिपति के निदेशानुरूप उनके प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सितम्बर माह के पूर्वार्द्ध में विश्वविद्यालयों की समीक्षा किए जाने की सूचना संबंधित कुलपतियों को पत्र लिखकर दे दी है।
विश्वविद्यलयों को भेजी गयी सूचना में कहा गया है 4 सितम्बर को पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय तथा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , की कार्य-प्रगति की समीक्षा होगी, जबकि 06 सितम्बर को जय प्रकाश विश्वविद्यालय, वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय एवं मगध विश्वविद्यालय की समीक्षा होगी। इसी तरह 7 सितम्बर को मुंगेर विश्वविद्यालय, बी॰आर॰ए॰ बिहार विश्वविद्यालय तथा पूर्णिया विश्वविद्यालय की कार्य-प्रगति की समीक्षा होगी।
समीक्षा के अंतिम दिन 9 सितम्बर को बी॰एन॰ मंडल विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा एवं तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय की गतिविधियों की समीक्षा की जायेगी। समीक्षा-बैठकों में संबंधित कुलपतियों को ‘पावर प्रेजेन्टेशन’ के माध्यम से अपने विश्वविद्यालय की विभिन्न अकादमिक एवं पाठ्यक्रमेतर गतिविधियों/विषयों पर तथ्यपरक एवं सूचनात्मक विवरण उपस्थापित करना होगा।
कुलाधिपति के निदेर्शानुरूप राज्यपाल सचिवालय की ओर से सभी कुलपतियों को यह सूचना उपलब्ध करा दी गयी है कि ‘पावर प्रेजेन्टेशन’ में -लंबित परीक्षाओं के आयोजन एवं एकेडमिक कैलेण्डर के अनुपालन, यू॰एम॰आई॰एस॰ के कार्यान्वयन, शोध-कार्यो की अद्यतन स्थिति, वृक्षारोपण एवं वर्षा जल-संचयन परियोजना के कार्यान्यवन, ‘बी॰एड॰’ एवं ‘हेड’ पोस्ट के अनुश्रवण की स्थिति से जानकारियां उपलब्ध कराये।
इसी तरह ऑनलाइन डिग्री-वितरण की स्थिति, महाविद्यालयों को सम्बद्धता प्रदान किए जाने की स्थिति, बायोमैट्रिक उपस्थिति व्यवस्था का अनुश्रवण, महिला महाविद्यालयों के लिए माँग-प्रस्तुति, पुस्तकालयों एवं प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए संचारित आबंटनों की व्यय-स्थिति, गेस्ट फेकेल्टी की नियुक्ति, सोलर इनर्जी उपकरणों की संस्थापना तथा खेलकूद के कार्यक्रम ‘एकलव्य’ एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘तरंग’ की आयोजनगत तैयारियों आदि विषयों पर तथ्यपरक जानकारियाँ उपलब्ध करायी जानी चाहिए ताकि उनकी सम्यक् समीक्षा हो सके।
वहीं, आधारभूत संरचना-विकास के लिए शिक्षा विभाग को समर्पित प्रस्तावों का भी उल्लेख विश्वविद्यालय अपने ‘प्रस्तुतीकरण’ में करेंगे।