यूपी-बिहार के गांवों में बुखार के मरीज अचानक क्यों बढ़ गए
यूपी-बिहार के गांवों में अचानक बुखार के मरीज बढ़ गए। योगेंद्र यादव ने विशेषज्ञों से पूछा यह ‘रहस्यमय बुखार’ क्या है? पटना के डॉ. सुनील अग्रवाल ने क्या कहा।
उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केस का सरकारी आंकड़े भले ही 34-35 हजार रोज हो, लेकिन वहां के गांवों में अचानक बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव ने गांव कनेक्शन की एक रिपोर्ट-उत्तर प्रदेश के गांव बुखार की चपेट में- को शेयर करते हुए वैज्ञानिकों-विशेषज्ञों से जानना चाहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी के गांवों में इस ‘रहस्यमय वायरस’ के बारे में विशेषज्ञ ध्यान दें। क्या यह कोविड ही है, जिनकी जांच या गिनती नहीं हो रही है। एनआईटीआई का पैनल मान रहा है कि यूपी में रोज एक लाख 20 हजार पॉजिटिव केस हो सकते हैं।
इधर बिहार के गांवों का भी यही हाल है। गांव के मेडिकल दुकान में पैरासिटामोल की मांग अचानक बढ़ गई है। क्या ये कोविड ही है या यह भी कोई ‘रहस्यमय बुखार’ है? प्रायः लोग बता रहे हैं कि बुखार हुआ, फिर ठीक हुए, लेकिन अचानक मौत हो गई।
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पीएमसीएच के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. सुनील अग्रवाल ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि कोरोना का नया वेरिएंट कई बार जांच में पकड़ में नहीं आता। टाइफाइट नहीं रहने पर भी विडाल टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है। ऐसा कोरोना के कारण हो रहा है।
डॉ सुनील अग्रवाल ने कहा कि तीन-चार दिन बुखार रहता है, फिर कफ हो जाता है। इसी दौरान फेफड़े में पानी जमा होने लगता है। इससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है।
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डॉ अग्रवाल ने कहा कि समय पर सही इलाज हो, तो बीमारी दूर हो जाती है। इस बीमारी में एस्ट्रायड काफी कारगर है। कई लोग इसे लेने से डरते हैं, क्योंकि इस दवा के कारण शुगर बढ़ जाता है। शुगर बढ़ना चिंता का कारण नहीं है, उसे दवा से कंट्रोल किया जा सकता है।